नयी दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और जनता के बीच आपसी भागीदारी को बढ़ाने के लिए ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ योजना लागू करने का राज्यपालों से आग्रह किया है और राज्यों के बीच साम्प्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने पर बल दिया है।
मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन पर यह आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार आम आदमी के जीवन के स्तर को सुधारने का काम कर रही है, सार्वजनिक जीवन में व्यापक अनुभव रखने वाले राज्यपालों को चाहिए कि वे जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए स्थानीय स्तर पर एजंसियों को प्रेरित करे ताकि वो अपना काम कर सके। उन्होंने राज्यपालों से कहा कि वे एक भारत श्रेष्ठ भारत के योजना को मजबूत बनाने के लिए भी काम करें ताकि विभिन्न राज्यों के जनता के बीच भागीदारी को और सांस्कृतिक आदान-प्रदान हो सके।
मोदी ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राज्यों के विश्वविद्यालयों के चांसलर के रूप में अपनी-अपनी विशिष्ट भूमिका को निभाने की अपील करते हुए कहा कि राज्यपाल चाहें तो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार ला सकते हैं। प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में यह भी चर्चा की कि केंद्र सरकार ने 10 सरकारी और 10 निजी एवं सभी भारतीय प्रबंधन संस्थान को स्वायत्त बनाने का काम शुरू किया है। उन्होंने राज्यपालों को अपनी महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती और 2022 में आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को हम देश के विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने का माध्यम बना सकते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कुम्भ के मेलों का आयोजन राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाने के दिशा में किया जा सकता है। राज्यपालों को भी इस दिशा में काम करना चाहिए।