नयी दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि संघीय ढांचे में राज्यपाल के पद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि केन्द्रीय योजनाओं का लाभ देश के हर नागरिक को मिले।
मोदी ने यहां राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उप राज्यपालों के 49 वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश के संघीय ढांचे और संवैधानिक तंत्र में राज्यपाल का पद केन्द्र तथा राज्यों के बीच धुरी का काम करता है। राज्यपालों को इसे ध्यान में रखते हुए जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अपने व्यापक अनुभव का लाभ उठाते यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केन्द्र की योजनाओं का लाभ हर नागरिक तक पहुंचे। इस संदर्भ में उन्होंने राष्ट्रीय पोषण मिशन और गांवों के विद्युतीकरण जैसी योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल कुछ ऐसे गांवों का दौरा कर सकते हैं जिनमें पहली बार बिजली पहुंची है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल राज्यों के राज्यपालों की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और वे शिक्षा , खेलों तथा वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में सरकार की पहलों का लाभ आदिवासी समुदाय तक पहुंचाने में मदद कर सकते हैं। आदिवासी समुदाय ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इसे डिजिटल संग्रहालय की मदद से समुचित पहचान मिलनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं और वे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून के माध्यम से युवाओं में योग के प्रति जागरूकता बढाने का काम कर सकते हैं। इसके साथ ही विश्वविद्यालय महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के समारोह का केन्द्रीय बिन्दू भी बन सकते हैं।
मोदी ने कहा कि गत 14 अप्रैल से शुरू हुए ग्राम स्वराज अभियान के तहत 16 हजार गांवों में केन्द्र की सात प्रमुख योजनाओं को पूरी तरह से लागू किया गया। इन गांवों की सात समस्याओं का जनभागीदारी के जरिये समाधान किया गया है। आगामी 15 अगस्त तक इस अभियान के दायरे में 65 हजार और गांवों को लाया जायेगा। उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले राज्यपालों के 50 वें सम्मेलन की तैयारी अभी से शुरू कर दी जानी चाहिए जिससे कि यह वार्षिक आयोजन और अधिक सार्थक बन सके।