जयपुर । राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि शिक्षा ही एक मात्र ऐसा साधन है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपना जीवन बेहतर बनाने के साथ ही प्रदेश का भी विकास कर सकता है।
श्रीमती राजे ने आज बांसवाडा में गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय भवन के शिलान्यास करते हुये कहा कि आदिवासी अंचल में स्थापित इस विश्वविधालय ने स्थापना के साथ ही अच्छी शुरूआत कर ली है और यहां कॉलेजों की संबद्धता की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद लगभग एक लाख छात्र-छात्राएं इससे जुड़ चुके हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि इस विश्वविद्यालय में 300 शोधार्थी पीएचडी कर रहे हैं, जिनमें से 140 बच्चे जनजाति वर्ग के हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इसके भवन की स्थापना के लिए जमीन देने के साथ शुरूआती बजट का आवंटन भी कर दिया है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रबंधन को इस विश्वविद्यालय भवन के निर्माण के लिए टाईमलाईन देने के भी निर्देश दिए और विश्वास जताया कि यह कुछ ही दिनों में विश्वविद्यालय भवन खड़ा हो जाएगा। उन्होंने ने कहा कि बजट में राजस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति वित्त और विकास सहकारी निगम के द्वारा 1980 एवं 81 में बकाया 2 लाख रुपये तक का ऋण और उसका ब्याज माफ कर दिया है। इस योजना का पूरे प्रदेश में 20 हजार तथा अकेले बांसवाड़ा जिले में पांच हजार लोगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि बजट में घोषित लघु एवं सीमांत कृषकों के 50 हजार रुपए की ऋण माफी योजना से पूरे राजस्थान में 30 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
श्रीमती राजे ने जनजाति क्षेत्रों के विकास की चर्चा करते हुये कहा कि सरकार ने जनजाति उपयोजना क्षेत्र में 25 हजार कुओं को गहरा कराने का काम भी लिया है, जिसमें से 4 हजार का कार्य पूर्ण हो चुका है और 15 मई तक अन्य पांच हजार कुओं का कार्य भी पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि माही नहरों के जीर्णोद्धार के लिए सरकार द्वारा 170 करोड़ रुपये दिए हैं और इसका काम शुरू भी हो गया है। उन्होंने कहा कि कार्य पूर्ण होने के बाद ये नहरें जीवनदायिनी बनेंगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा राज्य में पहली बार परीक्षा केन्द्रों तक ऑनलाईन पेपर भिजवाने की व्यवस्था की गई है और मूल्यांकन के लिए भी ऑनलाईन व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से आरएएस तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग देने की भी व्यवस्था है।