नयी दिल्ली । सरकार ने बिजली उत्पादन क्षेत्र की चार केंद्रीय कंपनियों के अधिकारियों के नये वेतनमानों को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
बैठक के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मंत्रिमंडल ने एक जनवरी, 1997 से नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचपीसी), नॉर्थ ईस्ट इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनईईपीसीओ), टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (पूर्ववर्ती टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) और सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएन) के बोर्ड स्तर के अधिकारियों से नीचे वाले अधिकारियों के नये वेतनमानों के नियमन को मंजूरी दी है।
उन्होंने बताया कि इस मंजूरी से विद्युत मंत्रालय के आदेशों के अनुसरण हाइड्रो क्षेत्र के केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों द्वारा लागू किए गए वेतनमानों को नियमित किया जाएगा। वेतनमानों के नियमन के लिए लगभग 323 करोड़ रुपये की कुल लागत होगी। इससे एक जनवरी 2007 से पहले हाइड्रो क्षेत्र के केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों में शामिल लगभग 5,254 अधिकारियों को लाभ होगा।
गौरतलब है कि एनटीपीसी, तेल क्षेत्र के अनुसार कामगारों, गैर-अधिकारियों की केन्द्रीयकृत श्रेणी के वेतनमानों के संशोधन के कारण एक जनवरी 1997 से कंपनियों के भीतर एनएचपीसी, एनईईपीसीओ, टीएचडीसीआईएल और एसजेवीएनएल के अधिकारियों के वेतनमानों में विषमतायें थीं। कामगारों और पर्यवेक्षकों के वेतनमान, ई-1 ग्रेड में अधिकारियों के वेतनमान से अधिक थे।