अजमेर। कलेक्ट्रेट परिसर पर बुधवार को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले कर्मचारियों के एक साथ प्रदर्शन में जुटने से माहौल गर्मा गया। अब तक रोडवेज, चिकित्सा, राज्य कर्मचारी, जलदाय विभाग के इंजीनियर्स अलग अलग आंदोलन कर रहे थे। सरकार पर दबाव बनाने के लिए सभी ने एकजुट होकर जोरदार प्रदर्शन किया तथा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर सीएम का पुतला फूंका।
इस अवसर पर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष कांति कुमार शर्मा ने कहा कि बीते 19 दिन से रोडवेज कर्मचारी चक्का जाम हडताल पर हैं। एक कम्रचारी ने तो जयपुर में आत्महत्या तक कर ली। इसके बावजूद सरकार का दिल नहीं पसीज रहा। कर्मचारी सरकार से सिर्फ अपने हक की लडाई लड रहे हैं।
नर्सेज आंदोलन को भी सरकार खत्म नहीं कराना चाह रही। वाजिब मांगें पूरी करने में जिस तरह से अनदेखी की जा रही है उससे कर्मचारी वर्ग में असंतोष बढता जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को कर्मचारी विरोधी करार देते हुए कहा कि 6 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी की प्रस्तावित आम सभा में मुख्यमंत्री राजे और परिवहन मंत्री युनूस खान का विरोध किया जाएगा। उन्हें अजमेर की सीमा में प्रवेश करने से रोकने के लिए 5 अक्टूबर को रोडवेज के समस्त डीपों के कर्मचारी पडाव डालेंगे।
बुधवार को रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी पहुंचकर समर्थन जताया। चक्का जाम के कारण बसें नहीं चलने से आम यात्री परेशान रहे। कर्मचारियों ने अब आंदोलन को उग्र रूप देने का फैसला लिया है। इसी तरह राजस्थान राज्य एएनएम तथा एलएचसी एसोशिएसन की जिला ईकाई के बैनर तले नर्सिग कर्मचारियों का धरना जारी रहा।