नई दिल्ली। सरकार ने किसानों की आय में बढोतरी करने के उद्देश्य से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियाें को आपूर्ति की जाने वाले ईथनॉल की कीमतों में एक दिसंबर से 1.84 रुपए प्रति लीटर तक बढोतरी करने का निर्णय लिया है जो एक वर्ष के लिए प्रभावी रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की समिति की मंगलवार को यहां हुई बैठक में इसको मंजूरी दी गई। तेल मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यहां संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए कहा कि आगामी चीनी सीजन 2019-20 के लिए कीमतों में यह बढोतरी की गई है जो एक दिसंबर से 30 नवंबर 2020 तक के लिए वैद्य है।
उन्होंने कहा कि सी हैवी मोलासी ईथनॉल की कीमत 43.46 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 43.75 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी। इसी तरह से बी हैवी मोलासी ईथनॉल की कीमत 52.43 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 54.27 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी। गन्ना रसा, चीनी और शुगर सिरप से तैयार ईथनॉल की कीमत 59.48 रुपए प्रति लीटर निर्धारित की गई है।
उन्होंने कहा कि इस मूल्य के अतिरिक्त जीएसटी और परिवहन शुल्क का भी भुगतान किया जायेगा। तेल विपणन कंपनियों को वास्तविक परिवहन शुल्क तय करने की सलाह दी गई है ताकि अधिक दूरी से भी ईथनॉल का परिवहन प्रभावित नहीं हो।
इसके अतिरिक्त तेल विपणन कंपनियों को ईथनॉल खरीद में गन्ना रस/ चीनी और शुगर सिरप से तैयार ईथनॉल को प्रथामिकता देने के लिए कहा गया है। इसके बाद बी हैवी मोलासी ईथनॉल, उसके बाद सी हैवी मोलासी ईथनॉला और अंत में खराब अनाज या अन्य स्रोत से निर्मित ईथनॉल को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है।
उन्होंने कहा कि सभी डिस्टलरीज को इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। तेल मंत्री ने कहा कि पेट्रोल में ईथनॉल मिलाने से कई लाभ होंगे जिसमें आयात पर निर्भरता कम होने के साथ ही कृषि क्षेत्र को मदद मिलेगी, पर्यावरण अनुकूल ईंधन का उपयोग बढ़ेगा, प्रदूषण कम होगा तथा किसानों की आय बढ़ेगी।