नई दिल्ली। सरकार उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से छोटे एलपीजी सिलेंडरों की खुदरा बिक्री की योजना के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
तेल विपणन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से छोटे एलपीजी सिलेंडरों की खुदरा बिक्री के प्रस्ताव की सराहना की और बताया कि इच्छुक राज्य सरकारों के साथ मिलकर इसके लिए आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
वित्तीय सेवा विभाग के प्रतिनिधि ने उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से वित्तीय सेवाएं प्रदान करने, पूंजी वृद्धि के लिए उचित मूल्य की दुकानों के डीलरों को मुद्रा ऋण देने के प्रस्ताव की सराहना की और बताया कि इच्छुक राज्य सरकारों के साथ मिलकर इसके लिए आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडेय ने आज उचित मूल्य की दुकानों की वित्तीय व्यावहार्यता बढ़ाने पर एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इसके लिए सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल), सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीएससी) तथा सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाग लिया।
सीएससी के सीईओ ने सीएससी द्वारा उपलब्ध विभिन्न सेवाओं के बारे में एक प्रस्तुति दी। इसके बाद, सीएससी द्वारा इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए अलग-अलग राज्य सरकारों के साथ मिलकर आयोजित अनेक गतिविधियों पर एक नवीनतम विवरण प्रस्तुत किया गया। राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने एफपीएस की व्यावहार्यता बढ़ाने के लिए सीएससी के साथ सहयोग की सराहना की और बताया कि वे स्थानीय जरूरतों और आवश्यकताओं के अनुसार व्यावहार्यता की समीक्षा करने के लिए सीएससी के साथ समन्वय करेंगे।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभागके सचिव ने सीएससी को सलाह दी कि वे राज्यों के विभिन्न समूहों के साथ उनकी वर्तमान स्थिति के आधार पर अलग-अलग कार्यशालाएं आयोजित करें, ताकि संभावित लाभों, उचित मूल्य की दुकानों के क्षमता निर्माण के बारे में जानकारी दी जा सके और इन पहलों के कार्यान्वयन में उनकी सहायता की जा सके।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव ने कहा कि विभिन्न राज्य इन पहलों को शुरू कर सकते हैं और अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप इसे तैयार कर सकते हैं। राज्यों को इन पहलों के लाभों के बारे में उचित मूल्य की दुकानों के डीलरों को संवेदनशील बनाने के लिए एक साथ निरंतर जागरूकता और आउटरीच अभियान चलाने की सलाह दी।