नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश में कम पढे लिखे लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए आठवीं तक की पढ़ाई की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता को खत्म किया गया है।
गडकरी ने मंगलवार को ट्वीट किया कि समाज के कम पढ़े-लिखे और गरीब लोग ड्राइविंग से रोजगार की संभावना तलाशते हैं। सरकार ने ड्राइविंग का लाइसेंस लेने के लिए आठवीं तक की पढ़ाई की अनिवार्यता हटा दी है जिससे उनकी पढ़ाई के कारण रोजगार न रुके।
उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्र में 22 लाख से अधिक ड्राइवरों की कमी है और ड्राइवरों के लिए 8वीं तक की पढाई की अनिवार्यता खत्म करके लाखों लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है। इसलिए इस अनिवार्यता को खत्म किया गया है।
यह निर्णय आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों के कुशल व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के वास्ते लिया गया है लेकिन सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाइसेंस देने से पहले चालकों के लिए उचित प्रशिक्षण और कड़े कौशल के परीक्षण पर जोर दिया गाय है।
गडकरी ने कहा कि पढाई के कारण परिवहन क्षेत्र में लोगों के लिए रोजगार के अवसर खत्म नहीं होने दिए जाएंगे इसलिए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 8वीं तक की पढ़ाई की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के प्रावधान को हटा दिया गया है।
कोई व्यक्ति यदि ड्राइविंग का टेस्ट पास कर जाता है तो उसको लाइसेंस जरूर दिया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस से देश में माल ढुलाई क्षेत्र में 22 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अच्छे ड्राइवर देने के लिए देशभर में दो लाख प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे।