
नई दिल्ली। कांग्रेस ने सरकार पर कोविड-19 से निपटने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसके कुप्रबंधन के कारण देश इस महामारी की गंभीर चपेट में है और इसी दौरान चीन सीमा पर इससे बड़ा संकट खड़ा हो गया है जिससे सजगता से नहीं निपटा गया तो स्थिति बहुत गंभीर हो जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोविड-19, चीन सीमा पर घुसपैठ तथा अन्य मुद्दों पर आयोजित पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति को संबोधित करते हुए मंगलवार को कहा कि कोविड-19 से निपटने में असफल रही सरकार ने लोगों को उनके हाल पर ही छोड़ दिया है। इस महामारी से निपटने में सामने आया सरकार का कुप्रबंधन देश के लिए खतरनाक साबित होगा।
उन्होंने कहा कि इसी बीच नया संकट चीन सीमा पर पैदा हुआ है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार राजनयिक स्तर पर विचार विमर्श कर इस संकट के समाधान के लिए मजबूत और सुलझी हुई पहल करेगी और देश की सीमाओं की रक्षा के लिए परिक्व कदम उठाएगी।
पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यह सरकार कोविड-19 से साहस और प्रभावी तरीके से निपटने में असफल रही है और अब देश के समक्ष इससे बड़ा संकट चीन सीमा पर पैदा हो गया है। यह बहुत गंभीर मामला है और इससे निपटने के लिए सरकार को गंभीर और प्रभावी प्रयास करने होंगे।
सोनिया गांधी ने कहा कि देश में गरीब और मजदूरों के सामने लॉकडाउन के कारण पैदा हुआ खाने-पीने का संकट खत्म नहीं हुआ और लोग परेशान हैं। सरकार को इन लोगों को भोजन उपलब्ध कराना चाहिए और इसके लिए मुफ्त राशन देने की अवधि अगले तीन माह तक के लिए बढ़ाई जानी चाहिए। उनका कहना था कि जो गरीब सार्वजनिक वितरण प्रणाली-पीडीएफ के दायरे में नहीं हैं, उन्हें भी मुफ्त राशन दी जानी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने देश में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए जाने पर चिंता जताते हुए सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार गरीबों की आवाज नहीं सुन रही है और आंख बंद कर तेल के दाम बढ़ा रही है। पेटोल और डीजल के दाम आज सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गये हैं। दिल्ली में पेट्रोल 80 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम सबसे निचले स्तर पर हैं।
उन्होंने देश में आर्थिक संकट से निपटने के लिए गरीबों को सीधे पैसे देने की मांग की और कहा कि बदहाल हो चुके एमएसएमई को आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए लेकिन सरकार ने देश को आर्थिक स्थिति से उबारने के लिए जो पैकेज दिया है, वह सकल घरेलू उत्पाद-जीडीपी के एक प्रतिशत से भी नीचे है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण देश आर्थिक संकट में फंस रहा है।
कार्य समिति को पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी संबोधित किया।