नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों के निजीकरण केे विरोध में तथा 11 वां वेतन समझौता पूर्ण रूप से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में लागू किए जाने जैसी मांगों को लेकर देश भर के ग्रामीण बैंकों के अधिकारी और कर्मचारी भी 15 और 16 मार्च को हड़ताल पर रहेंगे।
यूनाइटेड फोरम आफ आरआरबी यूनियंस के प्रवक्ता शिवकर द्विवेदी ने बुधवार को यहां बताया कि 15 और 16 मार्च को सरकार के निजीकरण केेे प्रस्ताव के खिलाफ सभी बैंक और बीमा प्रतिष्ठान में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं। इस विरोध को ग्रामीण बैंक कर्मी भी अपना समर्थन देते हुए अपनी अन्य मांगों के साथ हड़ताल में शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि पिछले माह यूनाइटेड फोरम पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ग्रामीण बैंक कर्मचारी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के विरोध में तथा अपनी प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल पर जाएंगे। इस संबंध में हड़ताल का नोटिस सचिव बैंकिंग विभाग को भेजा गया है।
देश में कुल मिलाकर 43 ग्रामीण बैंक 26 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे हैं। इन बैंकों की 685 जिलों में लगभग 22 हजार शाखाएं हैं जिनमें लगभग एक लाख अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं। ये सभी केंद्रीय स्तर की 10 ट्रेड यूनियनों से जुड़े हुए हैं।