प्रयागराज । विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुम्भ मेला से पहले महानिर्वाणी अखाड़ा केे साधु-संतों ने हाथी, घोड़ा, पालकी और बैंड बाजों से सजी भव्य पेशवाई निकाली।
पेशवाई में सबसे आगे अखाडा का ध्वज लहरा रहा था। उसके बाद नागा सन्यासियों का समूह करतब दिखाते आगे -आगे बढ़ रहा था। रथ पर आरूढ़ आराध्य कपिल मुनि की मूर्ति थी जिसपर महात्मा चंवर डुला रहे थे। बीच बीच में रथ पर सवार साधु-महात्मा दर्शन के लिए कतार में खड़े श्रद्धालुओं पर जल में डूबोकर पुष्प ड़ाल रहे थे। दूसरी तरफ लम्बे समय से सड़क के दोनों तरफ खड़े श्रद्धालु भी साधु-महात्माओं पर पुष्प चढा रहे थे।
मंगलवार को प्रयागवासियों को सनातन धर्म की समृद्ध परम्परा और संस्कृति के दिव्य, भव्य और अलौकिक दर्शन उस समय हुए जब महानिर्वाणी अखाड़ा की पेशवाई श्रीपंच की छावनी में दस बजे वैदिक मंत्रों से पूजा पाठ के बाजे 11 बजे हाथी, घोड़ा, पालकी, रथ और बैंड़ बाजों के साथ गंगा पार झूंसी स्थित सेक्टर 16 में बने शिविर के लिए रवाना हुई।