नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकाल की 45वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि सत्ता के लोभ में एक परिवार ने देश में आपातकाल लागू किया था।
शाह ने आज कई ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा और आपातकाल को याद करते हुए कहा कि 45 साल पहले इस दिन सत्ता के लालच में एक परिवार ने देश में आपातकाल लागू कर दिया। रातों रात देश को जेल में बदल दिया गया। प्रेस, अदालतें, मुक्त भाषण… सबकी आवाज को कुचल दिया गया। गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 45 साल पहले 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाया था। शाह ने कहा कि लाखों लोगों के प्रयासों के बाद आपातकाल हटा लिया गया था। देश में लोकतंत्र बहाल हो गया लेकिन कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया। एक परिवार के हित, पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी थे। यह खेदजनक स्थिति आज की कांग्रेस में भी पनपती है।
हाल ही में कांग्रेस कार्य समिति का उल्लेख करते शाह ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की हाल की बैठक के दौरान वरिष्ठ सदस्यों और छोटे सदस्यों ने कुछ मुद्दों को उठाया किंतु उनकी आवाज को शोर से शांत करा दिया गया। पार्टी के एक प्रवक्ता को बिना सोचे समझे बर्खास्त कर दिया गया। दुखद सच्चाई यह है कि कांग्रेस में नेता घुटन महसूस कर रहे हैं।
कांग्रेस ने हाल ही में चीन के मसले पर पार्टी लाइन से हटकर अपनी बात कहने वाले संजय झा को पार्टी प्रवक्ता पद से हटा दिया था। गृह मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि देश के विपक्षी दलों में से कांग्रेस को स्वयं से कुछ सवाल पूछने की आवश्यकता है।
आपातकाल जैसी विचारधारा अभी भी पार्टी में क्यों है? ऐसे नेता जो एक वंश के नहीं हैं, बोलने में असमर्थ क्यों हैं? कांग्रेस में नेता क्यों निराश हो रहे हैं? अगर वह सवाल नहीं पूछते हैं तो लोगों से उनका जुड़ाव और कम हो जाएगा। गौरतलब है कि आपातकाल 25 जून 1975 को लागू हुआ था और 21 मार्च 1977 तक लागू रहा था।