जयपुर। ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की गंभीर समस्या का दंश पूरा विश्व झेल रहा है लेकिन भारत में बढ़ते प्रदूषण से हो रहे प्राकृतिक असंतुलन के निदान हेतु व्यवहारिक योजनाओं का अभाव दिखाई दे रहा है। देश में आज पर्यावरण आपातकाल की स्थिति है, सांसों का अकाल पड़ रहा है। जिसका मूल कारण घटती हरियाली ही है क्योंकि सांस बनाने के कारखाने माने जाने वाले वृक्ष कम हो रहे हैं।
यह बात ग्रीनमैन विजयपाल बघेल ने मंगलवार को जयपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कही। बघेल ने कहा कि मौसम बदलाव के समय तो देश एक गैस चेंबर बन जाता है जिसका दोष दिवाली और पराली को देकर सरकारें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करके अपने दायित्व का निर्वहन कर रही हैं। भौतिक युग में प्रकृति की किसी को कोई चिंता नहीं है जिसके घातक परिणाम भावी पीढ़ियों को झेलने पड़ेंगे।
पानी बोतल की तरह ऑक्सीजन सिलेंडर साथ लेकर चलने की नौबत आ गई है, जिसका निदान अब केवल ‘ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया’ बनाने से ही संभव है जो अरावली पर्वतमाला का कवच बनकर पश्चिमी विक्षोभ के वायु दबाव में आने वाली रेगिस्तान की धूल को रोकने का काम करेगी।
गुजरात से दिल्ली व हरियाणा तक ‘ग्रीनवॉल’ विकसित कराने की मांग रखने वाले और पदयात्रा के नेतृत्वकर्ता ग्रीनमैन विजयपाल बघेल ने यात्रा के 70वें दिन आज राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री सुखराम विश्नोई से भी मुलाकात की। इससे पहले ग्रीनमैन विजयपाल बघेल ने जयपुर प्रवास के दौरान जयपुर कलेक्टर जोगाराम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
पत्रकार वार्ता के दौरान बघेल ने बताया कि पोरबंदर से कुरुक्षेत्र तक 1600 किलोमीटर लंबी और 5 मीटर चौड़ी ‘ग्रीन वैली’ विकसित कराए जाने की मांग संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष COP – 14 के माध्यम से उठाई गई थी जिस पर भारत सरकार विचार कर रही है। 11 दिसंबर के दिन दुनिया ‘विश्व पर्वत दिवस’ मनाती है उस दिन अरावली पर्वत श्रंखला के अस्तित्व की रक्षा करने और ‘ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया’ बनवाने की मांग को लेकर ‘ग्लोबल ग्रीन पीस मिशन’ के तत्वाधान में ‘5 करोड़ी हरित पगयात्रा’ का शुभारंभ गुजरात के पोरबंदर से हुआ है, यह 100 दिवसीय पदयात्रा 4 राज्यों के 28 जिलों से गुजर रही है जो अब जयपुर पहुंची है।
अरब सागर से शुरू होकर गुजरात, राजस्थान, दिल्ली व हरियाणा के कुरुक्षेत्र तक अर्थात हिमालय की तलहटी में शिवालिक पर्वत श्रेणी को छूने वाली इस प्रस्तावित ग्रीन वाल के साथ 16 सौ किलोमीटर लंबी पदयात्रा में 5 करोड़ कदम चलने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 15 से 20 किलोमीटर दूरी इस पदयात्रा के दौरान तय करने में 100 पड़ाव आ रहे हैं। इस राष्ट्रीय पद यात्रा का समापन 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में होगा।
उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर को गुजरात के पोरबंदर में ‘ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया’ का भूमि पूजन भारत के राष्ट्रीय वृक्ष बरगद का रोपण करके किया गया तथा जहां जहां यात्रा का प्रवास हो रहा है उन स्थानों पर स्मृति के रूप में प्रतीकात्मक पौधारोपण किया जा रहा है। जन जागरूकता और जन सहभागिता के उद्देश्य से ही इस अनूठी पहल को ‘हरित साधना’ के रूप में संचालित किया जा रहा है, जो देश की सेहत सुधारने में अपनी अग्रणी भूमिका निभायेगी। इस पदयात्रा में विजयपाल बघेल के साथ नीतू सिंह, एडवोकेट रामवीर सिंह, उमापाल बघेल सहित अनेक कार्यकर्ता जुटे हुए हैं।
प्रेसवार्ता में ग्रीनमैन विजयपाल बघेल के साथ अपना संस्थान के प्रांत प्रचार प्रमुख विवेकानंद शर्मा, भाग संयोजक रामचन्द्र जोशी, श्रीकांत गुप्ता सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।