सिरसा। साध्वी यौन शोषण तथा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ही हत्या के मामलों में सजा भोग रहे सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह के कृषि कार्य के लिए पैरोल की अर्जी को मचे सियासी घमासान के बीच जिला प्रशासन ग्राऊंड रिपोर्ट तैयार करने में लगा है। डेरा प्रमुख ने सिरसा स्थित अपनी भूमि में कृषि के लिए पैरोल का आवेदन किया हुआ है।
सिरसा के सदर व शहर पुलिस थाना के प्रभारियों के अलावा केंद्र व राज्य सरकार की खुफिया एजेंसियां डेरा प्रमुख के पैरोल पर बाहर आने के बाद के संभावित हालात को लेकर रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हुई हैं।
सिरसा के पुलिस अधीक्षक अरूण नेहरा ने मीडिया को बताया कि सदर व शहर थाना ने पैरोल को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है जिसे उच्च पुलिस अधिकारी जांचने के बाद जिला मजिस्ट्रेट को संभवत: आज देर शाम तक सौंपेंगे। जिला मजिस्ट्रेट इस रिपोर्ट से राज्य सरकार के गृह व जेल विभाग को अवगत करवाएगा जिससे बाद पैरोल पर फैसला आएगा।
इस बीच पैरोल की अर्जी दाखिल करने व जेल प्रशासन के डेरा प्रमुख के आचरण पर संतोष जाहिर करने की खबरों के बाद डेरे में अनुयायी जुटना शुरू हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि अगस्त 2017 में जब गुरमीत सिंह को साध्वी यौन शोषण प्रकरण में पंचकूला में विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया था तो भड़की हिंसा में 38 लोग मारे गये थे और दो सौ से अधिक लोग घायल हुए थे। करोड़ों रुपयों की संपत्ति फूंक दी गई वह अलग।
डेरा प्रमुख के पास है 260 एकड़ कृषि भूमि
सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह के करीबियों ने दावा है कि सिरसा के बेगू गांव स्थित डेरा सच्चा सौदा के पास करीब 1264 एकड़ कृषि भूमि है, जिसमें से डेरा प्रमुख गुरमीत के पास करीब 260 एकड़ कृषि भूमि है।
डेरा करीबियों के अनुसार इसके अलावा जिले के ही जलाल आणा गांव में डेरा प्रमुख के गुरू का गांव वहां भी 45 एकड़ जमीन है और राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरूसर मोडिया गांव में डेरा प्रमुख की पारिवारिक जमीन है।
डेरा प्रमुख को पैरोल जारी करने से पहले सिरसा प्रशासन डेरा प्रमुख की भूमि व अन्य हालातों पर जानकारी एकत्रित की जा रही है। राजस्व विभाग व पुलिस विभाग ने अपनी रिपोर्र्ट तैयार कर शीर्ष अधिकारियों को भेज दी है जिसे जल्द ही जेल विभाग के सुपुर्द किया जाएगा।
राजस्व रिकार्ड के अनुसार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह करीब 260 एकड़ का कास्तकार है। इस भूमि पर एलोवेरा, स्ट्राबेरी के अलावा आम,अमरूद,बेरी व अन्य फलों के बाग बगीचे भी हैं। डेरा की भूमि पर पैदा हुई फसलों से उत्पाद बनाकर एमएसजी के ब्रांड से बेचे जाते थे। डेरा प्रमुख के जेल जाने के बाद डेरा की फैक्ट्रियों पर ताले लटके पड़े हैं।
डेरा प्रमुख के पैरोल पर छूटने की संभावना से डेरा से जुड़े लोग सोशल मीडिया पर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं, वहीं कुछ राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने विरोध करते हुए डेरा प्रमुख की पैरोल की अर्जी रद्द करने की मांग शुरू कर दी है।