गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा निर्मित ‘एल-55‘‘-एक ‘‘मार्क प्ट एलसीयू वेसेल है जिसे औपचारिक रूप से जीआरएसई, कोलकाता में भारतीय नौसेना को सौंपा गया। यह बेहद गर्व का विषय है क्योंकि एल55 जीआरएसई द्वारा पिछले 16 महीनों में भारतीय नौसेना को सौंपा गया छठा युद्धपोत है। यह अपने आप में एक रिकाॅर्ड है।
जीआरएसई का वर्तमान में बेहद सुदृढ़ आॅर्डर बुक है जोकि शिपयार्ड को राजस्व अर्जित करने वाली बेहतरीन परियोजनायें मुहैया करा रहा है। कंपनी के पास 203,136,10 मिलियन रूपये का आॅर्डर बुक है और यह इसका स्थिर आधार है।
फिलहाल 12 जहाजों का काम जारी है जिसमें से 09 जहाज (01 एएसडब्लू काॅरवेटे, 03 एलसीयू, 05 एफपीवी) निर्माण के उन्नत चरण में हैं, और इनकी डिलीवरी भारतीय नौसेना को 2019 के अंत तक की जायेगी। प्रोजेक्ट पी17ए एडवांस्ड स्टील्थ फ्रिगेट्स के 03 जहाज जिनकी आॅर्डर वैल्यू 192934.60 मिलियन रूपये है, को माॅड्युलर कंस्ट्रक्शन टेक्नोलाॅजी तथा एवीवा मरीन, एनएपीए आदि जैसे विभिन्न साॅफ्टवेयर्स का इस्तेमाल कर बनाया जा रहा है। पहले जहाज पर प्रगति तेज गति से हो रही है और उत्पादन समय से पहले किया जा रहा है, दूसरे फ्रिगेट का उत्पादन जल्द ही शुरू होगा। जीआरएसई को भारतीय नौसेना के लिए अन्य 12 जहाजों (04 सर्वे वेसल्स (बड़े) और 08 एएसडब्लू एसडब्लूसी) के लिए प्रतिस्पर्धी बिडिंग में सफलतम बिडर्स घोषित किया गया है।
जीआरएसई भारतीय नौसेना के लिए 8 लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी जहाजों के लिए आॅर्डर क्रियान्वित कर रहा है और आज डिलीवर किया गया जहाज सीरीज में 5वां है। शेष 3 जहाज निर्माण के उन्नत चरण में हैं और इन्हें अगले एक साल में भारतीय नौसेना को सौंपे जाने की संभावना है। इन युद्धपोतों को इन हाउस डिजाइन टीम द्वारा विकसित किया गया है और इनकी डिजाइन एवं परिचालन बेहद अनूठा माना जा रहा है। इनकी लंबाई 62.8 मीटर है और 1.7 मीटर की न्यून ड्राॅट के साथ 15 नाॅट्स की स्पीड हासिल करता है।
यह अपने ग्राहकों के लिए उत्पाद की अवधारणा बनाने से लेकर, डिजाइन, सिस्टम इंटीग्रेशन और प्रोजेक्ट प्रबंधन तक आद्योपांत समाधानों को मुहैया कराने की जीआरएसई की क्षमता को साबित करता है। इससे ग्राहक की मांग को पूरा करने की क्षमता बढ़ती है। शिपयार्ड के ताकत के प्रमुख क्षेत्र हैं – बहु-अनुशासनात्मक डिजाइन टीम, उत्पादन एक्यूमेन, केंद्रित प्रोजेक्ट नियोजन एवं कार्यान्वयन, युक्तियां जिससे शिपयार्ड को इसकी प्रगति की राह में सशक्त डिफरेंशियएटर होने में मदद मिलेगी।
इस जहाज को रियर एडमिरल वी.के. सक्सेना, भारतीय नौसेना, सेवानिवृत्ति, चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, जीआरएसई द्वारा शिप के कमांडिंग अधिकारी ले. कैडर अभिषेक कुमार को जीआरएसई द्वारा आज आयोजित समारोह में सौंपा गया। अंडमान एवं निकोबार कमांड के बिग्रेडियर एसवाइ देशमुख, चीफ स्टाॅफ अधिकारी (टेक्निकल) ने नौसेना द्वारा स्वीकार किये जाने से पहले जहाज का अंतिम निरीक्षण किया। श्री सर्वजीत सिंह डोगरा, निदेशक (फाइनेंस) और सीएमडीई, संजीव नायर, भारतीय नौसेना, सेवानिवृत्त, निदेशक (शिपबिल्डिंग) और भारतीय नौसेना एवं जीआरएसई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मार्क प्ट एलसीयू वेसल्स मार्क प्प्प् एलसीयू का उन्नत वर्जन है जिनका इस्तेमाल वर्तमान में भारतीय नौसेना कर रही है। मार्क प्ट एलसीयू वेसल्स आइएन एलसीयू एल-51 के पहले जहाज को 2016 के दौरान भारतीय नौसेना में लिया गया था।
आत्मनिर्भरता एवं स्वदेशीकरण प्रयासों की दिशा में भारत सरकार के मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप, जहाजों के एलसीयू मार्क प्ट क्लास में लगभग 90 प्रतिशत स्वदेशी सामान लगाया गया है। आइएन एलसीयू एल-55 को सौंपने के साथ ही, जीआरएसई ने एक बार फिर देश की तटीय सुरक्षा को मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है, इस तरह देश की आकांक्षाओं को पूरा किया जा रहा है जिसे देश ने इस मिनी रत्न शिपयार्ड को लेकर रिस्पांड किया है।