नयी दिल्ली । वित्त वर्ष 2018-19 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत औसत मासिक राजस्व संग्रह बढ़कर 98,114 करोड़ रुपये पर पहुँच गया जो वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में 9.2 प्रतिशत अधिक है।
सरकार द्वारा वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं पर करों की दरों में कमी किये जाने के बावजूद औसत जीएसटी संग्रह में नौ प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गयी है। सरकार द्वारा सोमवार को जारी आँकड़ों के अनुसार, मार्च 2019 में कुल राजस्व संग्रह 1,06,577 करोड़ रुपये रहा जो जीएसटी व्यवस्था शुरू होने के बाद से अब तक का सर्वाधिक आँकड़ा है। मार्च 2018 में कुल जीएसटी संग्रह 92,167 करोड़ रुपये रहा था। इस प्रकार इसमें 15.63 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि मार्च 2019 में 20,353 करोड़ रुपये केंद्रीय जीएसटी, 27,520 करोड़ रुपये राज्य जीएसटी, 50,418 करोड़ रुपये एकीकृत जीएसटी और 8,286 करोड़ रुपये उपकर के रूप में प्राप्त हुये हैं। एकीकृत जीएसटी में 23,521 करोड़ रुपये और उपकर में 891 करोड़ रुपये आयात से प्राप्त हुये हैं।
सेटलमेंट के बाद मार्च 2019 में केंद्र सरकार का कुल राजस्व 47,614 करोड़ रुपये और राज्य सरकार का राजस्व 51,209 करोड़ रुपये रहा है। एकीकृत जीएसटी में से केंद्र को 17,261 करोड़ रुपये और राज्यों को 13,689 करोड़ रुपये स्थायी सेटलमेंट के तौर पर दिये गये। इसके अलावा शेष राशि में से केंद्र को 10 हजार करोड़ रुपये और राज्यों को 10 हजार करोड़ रुपये अस्थायी सेटलमेंट के रूप में दिये गये हैं। फरवरी 2019 के लिए गत 31 मार्च तक कुल 75 लाख 95 हजार जीएसटीआर-3बी फॉर्म भरे गये थे।