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gst council meeting : first meet under new FM Nirmala Sitharaman approves annual return extension-GST वार्षिक रिटर्न भरने की अवधि दो महीने बढ़ी - Sabguru News
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GST वार्षिक रिटर्न भरने की अवधि दो महीने बढ़ी

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GST  वार्षिक रिटर्न भरने की अवधि दो महीने बढ़ी

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर परिषद ने वार्षिक रिटर्न भरने की अवधि दो महीने बढ़ाते हुए जीएसटी के लिए पंजीयन को भी सरल बना दिया है जिससे अब सिर्फ आधार नंबर की ही जरूरत पड़ेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में परिषद की शुक्रवार को हुई 35वीं बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक के बाद सीतारमण ने कहा कि कर्नाटक तेलंगाना और मिजोरम के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री या वित्त मंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं।

इन तीनों मुख्यमंत्रियों से उन्होंने कल रात बात की थी और उन्होंने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों की वजह से इसमें आने में असमर्थता जतायी थी लेकिन उनके प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए हैं। वित्त मंत्री बनने के बाद पहली बार इस बैठक में शामिल हुई सीतारमण से राज्यों के वित्त मंत्रियों ने परिषद की नियमित अंतराल पर बैठक बुलाने की भी अपील की।

राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि मुनाफाखोरी रोधी राष्ट्रीय संगठन का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसका कार्यकाल इसी वर्ष समाप्त हाे रहा था। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुनाफाखोरी करने वाली कंपनियों पर लगने वाले जुर्माना को भी कठोर बनाया गया है।

अभी मुनाफाखोरी की राशि और 25 हजार रुपए का जुर्माना होता है लेकिन अब 30 दिनों के भीतर इस राशि को जमा नहीं कराने पर मुनाफाखोरी वाली राशि का 10 प्रतिशत हिस्सा अतिरिक्त जमा कराना होगा।

उन्होंने कहा कि जीएसटी के लिए वार्षिक रिटर्न भरने की अवधि 30 जून है जिसे बढ़ाकर 30 अगस्त 2019 कर दिया गया है। मई महीने के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि आज समाप्त हो रही है लेकिन ईवे बिल प्रणाली में कुछ खामियां आने के कारण इसकी अवधि भी दो महीने बढ़ा दी गई है।

उन्होंने कहा कि जीएसटी के लिए पंजीयन को सरल बना दिया गया है। इसके लिए पहले कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ती थी लेकिन अब सिर्फ आधार नंबर से ही काम हो जाएगा और उसी के आधार पर ऑनलाइन पंजीयन हो जाएगा।

पांडेय ने कहा कि अब मल्टीप्लेक्स को इलेक्ट्रानिक टिकट जारी करने का अनिर्वाय बना दिया गया है जिससे केन्द्र और राज्य के राजस्व में बढोतरी होगी।

उन्होंने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इस पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग पर लगने वाले कर को 18 प्रतिशत से कम कर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। इस मामले को फिटमेंट कमेटी को भेज दिया गया है और कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अभी देश में इलेक्ट्रिक वाहन का बहुत कम उत्पादन हो रहा है इसलिए कर में कटौती किए जाने से होने वाले राजस्व नुकसान का आकलन नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि लॉटरी पर जीएसटी को लेकर मंत्रियों के समूह ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और इस पर चर्चा की गई है। इस पर अब अटॉर्नी जनरल की राय ली जाएगी क्योंकि इससे जुड़ा एक मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस संबंध में निर्णय दिया हुआ है। इसके मद्देजनर अटाॅर्नी जनरल की राय ली जायेगी और अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि गत मार्च में हुई परिषद की बैठक में अनुमोदित निर्णय लागू हो चुके हैं और इस बैठक में उनको पिछली तिथि से अनुमोदित किया गया है। इसी तरह से जीएसटी रिटर्न सरलीकरण का काम भी जारी है और अगले वर्ष जनवरी से नया फॉर्म प्रभावी होगा। इसका अभी ट्रायल चल रहा है।