नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर परिषद ने देश में प्रदूषण मुक्त यातायात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर पर जीएसटी को कम कर पांच प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।
परिषद की शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई 36वीं बैठक में ये निर्णय लिए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की इस दूसरी बैठक में स्थानीय निकायों को 12 यात्रियों से अधिक यात्रियों की क्षमता वाली इलेक्ट्रिक बसों को किराये पर लेने को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया। अभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 12 प्रतिशत और चार्जर पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। परिषद के ये निर्णय एक अगस्त से प्रभावी होंगे।
सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हिकल्स ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी में कटौती किए जाने का स्वागत किया है। संगठन ने कहा कि इससे लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को किफायती बनाने के लिए पहले से ही प्रयासरत है।
सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2019-20 के आम बजट में इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद के लिए ऋण पर 1.5 लाख रुपए के ब्याज भुगतान पर आयकर में छूट देने की घोषणा की है।
नीति आयोग ने देश में ई मोबिलिटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2025 तक 150 सीसी से कम के सभी मोटरसाइकिलों और वर्ष 2023 तक सभी तिपहिया वाहनों को ई वाहन में बदलने की योजना बनाई है।
परिषद ने कर भुगतान के विकल्प वाले फॉर्म जीएसटी सीएमपी -02 को भरने की अंतिम तिथि भी 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर करने का निर्णय लिया है।
इस बैठक में भाग लेने वालों में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ ही राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
परिषद ने कंपोजिशन स्कीम वाले करदाताओं के लिए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही काे लिए स्व आंकलन कर फार्म जीएसटी सीएमपी-08 भरने की अंतिम तिथि भी 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया है।
परिषद की 35वीं बैठक में इलेक्ट्रिक वाहनों, इलेक्ट्रिक चार्जरों और स्थानीय निकायों द्वार इलेक्ट्रिक बसों को किराये पर लेेने की स्थिति में जीएसटी की दर के मामले को अधिकारियों की समिति को भेजा गया था और उसी की रिपोर्ट के आधार पर आज की बैठक में निर्णय लिए गए।