नयी दिल्ली। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही नोटबंदी एवं वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किये जाने का भारतीय आॅटोमोबाइल उद्योग पर असर पड़ा है और इसके कारण वर्ष 2017-18 में देश में कारों की बिक्री में मामूली 3.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।
वाहन निर्माताओं के शीर्ष संगठन सोसायटी आॅफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्रस (सियाम) के महासचिव विष्णु माथुर ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में भारतीय ऑटो उद्योग के बिक्री के वार्षिक और मासिक आंकड़े जारी किये। उन्होंने कहा कि मार्च 2019 में समाप्त वित्त वर्ष में कुल मिलाकर 21,73,950 कारों की बिक्री हुयी जो इससे पिछले वित्त वर्ष में बेची गयी 21,03,847 कारों की तुलना में मात्र 3.33 प्रतिशत अधिक है। हालांकि इस अवधि में यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में करीब 21 फीसदी की जबदरस्त तेजी दर्ज की गयी। अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के दौरान इस श्रेणी के 9,21,780 वाहनों की बिक्री हुयी जो वर्ष 2016-17 में इसी अवधि में 7,61,998 यूटिलिटी वाहन बिके थे। वैन की बिक्री भी 5.8 प्रतिशत बढ़कर 1,92,235 वाहनों पर पहुंच गयी।
उन्होंने कहा कि इस तरह कुल मिलाकर वर्ष 2017-18 में देश में यात्री वाहनों की बिक्री में 7.89 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गयी है। वर्ष 2016-17 में 30,47,582 यात्री वाहनों की बिक्री हुयी थी जो इस वर्ष मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में बढ़कर 32,87,965 वाहनों पर पहुंच गयी। इस दौरान देश से यात्री वाहनों के निर्यात में 1.51 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है। वर्ष 2017-18 में 7,47,287 यात्री वाहन निर्यात किये गये जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह संख्या 7,58,727 रही थी। कारों के निर्यात में भी गिरावट दर्ज की गयी है। मार्च 2017 में समाप्त वित्त वर्ष में 6,02,134 कार निर्यात किये गये थे जिनकी संख्या वर्ष 2017-18 में घटकर 5,79,125 कारें रह गयी।