Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
नोटबंदी, जीएसटी से अर्थव्यस्था चौपट : राहुल गांधी
होम Karnataka Bengaluru नोटबंदी, जीएसटी से अर्थव्यस्था चौपट : राहुल गांधी

नोटबंदी, जीएसटी से अर्थव्यस्था चौपट : राहुल गांधी

0
नोटबंदी, जीएसटी से अर्थव्यस्था चौपट : राहुल गांधी
GST, note ban torpedoed the Indian economy, says Rahul Gandhi
GST, note ban torpedoed the Indian economy, says Rahul Gandhi

दावणगेरे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर आज फिर हमले किए और कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी एवं नोटबंदी के जरिये भारी गोलमाल किया है जिससे अर्थव्यवस्था चौपट हो गई तथा रोजगार के अवसर अवरुद्ध हो गए हैं।

गांधी ने राज्य में चुनाव प्रचार के पांचवे चरण के दूसरे और अंतिम दिन यहां एक बैठक में व्यापारियों, व्यवसायियों और अन्य लोगों से कहा कि देश के बैंकिंग सिस्टम को महज 15-20 बड़ी व्यावसायिक घरानों को सौंप दिया गया है।

हाल में सामने आए बैंक घोटाले इसके बड़े उदाहरण हैं। दूसरी तरफ छोटे-मंझोले व्यापारियों के हितों की उपेक्षा की जा रही है जो बेराजगारों के वास्तविक रोजगार प्रदाता हैं।

उन्होंने जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ निरुपित करते हुए मोदी सरकार पर बड़े व्यवसायिक घरानों को लाभ पहुंचाने की नीतियां बनाने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने जीएसटी को सरल बनाने के बजाय जटिल बना दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लघु एवं मध्यम स्तर के व्यवसाय को सशक्त करने तथा जीएसटी के सरलीकरण की पक्षधर हैं।

उन्होंने कहा कि अगर 2019 में कांग्रेस सत्ता में आती है तो मौजूदा जीएसटी कानून को समाप्त कर दिया जाएगा तथा इसके स्थान पर सरल और सिंगल स्लैब कर प्रणाली लागू की जाएगी।

इसके साथ ही आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों वाली वस्तुओं पर लगने वाले सभी कर संबंधी नियम वापस ले लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जीएसटी पर हमारे दो लक्ष्य हैं। हम इसे सरल करने के साथ ही सिंगल स्लैब सिस्टम सुनिश्चित करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चौपट हो गई है और बेराेजगारों के हाथ से रोजगार के अवसर भी छीन लिए गए। जहां चीन एक दिन में 50 हजार रोजगार उपलब्ध करा रहा है, वहीं मोदी सरकार प्रत्येक 24 घंटे में 450 रोजगार दे पा रही है। छोटे-मझोले कारोबारियों तथा कृषि क्षेत्र की उपेक्षा इन हालात के लिए जिम्मेदार है।