नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत करों की दरें तय करने वाली जीएसटी परिषद् की इस सप्ताह के अंत में होने वाली बैठक में कर के स्लैबों में परिवर्तन संभव है।
जीएसटी परिषद् की अगली बैठक 21 जुलाई को होने वाली है। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने आज यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में कहा कि हां, अगली बैठक में दरों को संगत बनाने पर भी विचार किया जाएगा।
शुक्ला ने कहा कि जरूरत के हिसाब से परिषद् समय-समय पर दरों की समीक्षा करती रहती है। सरकार का उद्देश्य जीएसटी को सरल-से सरल बनाना और लोगों को अधिकतम राहत देना है।
जीएसटी के तहत अभी चार कर स्लैब हैं। सबसे निचला स्लैब पांच प्रतिशत का है जबकि उच्चतम स्लैब 28 प्रतिशत का है। इसके अलावा दो अन्य स्लैब 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के हैं जिनमें अधिकतर वस्तुओं एवं सेवाओं को रखा गया है।
बिना ब्रांड वाले खाद्यान्नों तथा कुछ अन्य जरूरी उत्पादों को कर से छूट दी र्गइ है जबकि विलासिता वाले तथा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों को 28 प्रतिशत के स्लैब में रखने के अलावा उन पर अधिभार भी लगाया गया है।
शुरू से ही जीएसटी में स्लैबों की संख्या कम करने की मांग उठती रही है। इसके पक्षधरों का कहना है कि कई स्लैब होने से ‘एक कर’ का उद्देश्य पूरा नहीं होता।