नई दिल्ली। बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं आईजीएसटी पर मंत्रियों के समूह के संयोजक सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कहा कि जब तब जीएसटी राजस्व संग्रह में स्थिरता नहीं आयेगी तब तक जीएसटी दरों में बदलाव की कोई संभावना नहीं है।
मोदी ने उद्योग संगठन फिक्की के 92वें वार्षिक सम्मेलन में जीएसटी दराें में किसी तरह की बढोतरी की संभावना को खारिज करते हुये कहा कि दरों में बढोतरी पर मीडिया में आ रही खबरें गलत हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार सहित कोई भी राज्य दरों में बढोतरी के पक्ष में नहीं है।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था मंदी की स्थिति में है तो उपभोग बढ़ानें के लिए कर में कटौती नहीं कर सकते हैं, तो उपभोग को बढ़ावा देने के लिए दरों में वृद्धि न करें। ऐसे समय में कर दरों में कटौती की जाती है और उन्हें बढ़ाते नहीं हैं।
जीएसटी दरों में किसी भी कमी की संभावना पर, उन्होंने कहा कि जब तक जीएसटी राजस्व स्थिर नहीं होगा, कर दरों को कम करने के बारे में नहीं सोचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में, निकट भविष्य में स्लैब और कर दरों में बढ़ोतरी या कटौती की कोई संभावना नहीं है।
मोदी ने कहा कि जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली बैठक में कर दरों में भी तरह के बदलाव पर साल में एक बार विचार करने फैसला किया है, न कि प्रत्येक बैठक में। मूल्य वर्धित कर (वैट) के शुरुआती दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह जीएसटी के क्रियान्वयन को करीब से देख रहे हैं और आठ अलग-अलग देशों से सीखने के साथ प्रक्रिया को समृद्ध कर रहे हैं।
उन्हाेंने कहा कि जीएसटी के लागू होने से पहले की तुलना में 99 प्रतिशत वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी के बाद उन पर कम कर लगाया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि नकली चालान एक प्रमुख मुद्दा बन गया है और सरकार इसकी जांच करने के तरीकों की तलाश कर रही है।