अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद की एक अदालत ने प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल की उस अर्ज़ी को आज ख़ारिज कर दिया जिसमें उन्होंने उनको राजद्रोह के एक मामले में मिली ज़मानत की उस शर्त को हटाने का आग्रह किया था जिसके तहत वह बिना सूचना और पूर्वानुमति के राज्य से बाहर नहीं जा सकते।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति यानी पास के तत्कालीन संयोजक रहे हार्दिक को यहां अगस्त 2015 में उनकी एक रैली के बाद हुई हिंसा के मामले में राजद्रोह के मुक़दमे में आरोपी बनाया गया था।
सुनवाई के दौरान बार बार अनुपस्थित रहने पर उनके ख़िलाफ़ अदालत ने गत जनवरी माह में ग़ैर ज़मानती वॉरंट जारी किया था और उन्हें गिरफ़्तार भी किया गया था। उसके बाद दी गई ज़मानत में उक्त शर्त जोड़ दी गई थी।
हार्दिक पटेल ने इस ज़मानत आदेश में सुधार कर इस शर्त से छूट देने के लिए अदालत में अर्ज़ी दी थी जिसे ख़ारिज कर दिया गया।