गांधीनगर। गुजरात में पिछले कुछ दिनों में उत्तर भारतीय समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आज कहा लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी रूपाणी से टेलीफोन पर बातचीत की है। रूपाणी ने उन्हें गैर-गुजरातियों की गुजरात में पूरी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया।
उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के लोगों पर हमला कर गुजरात की शांति को पलीता लगाने का प्रयास करने वाले तत्वों को पुलिस ने चंद घंटों के भीतर गिरफ्तार करने का काम किया है। सुरक्षा के लिए पुलिस ने पर्याप्त कदम उठाए है।
रूपाणी ने कहा कि गुजरात की यह परंपरा रही है कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों समाज को अपना समझकर स्वीकार किया है। यहां सभी राज्य के लोग शांति एवं सद्भावपूर्ण वातावरण में रहते हैं। अखंड भारत में गुजराती गैर गुजराती सभी एक है।
इस बीच, गृह राज्य मंत्री प्रदीप जाडेजा और मुख्य सचिव जेएन सिंह ने भी आज इस सिलसिले में बैठकें की। जाडेजा ने कहा कि पहले जातिवाद के नाम पर गुजरात को बांटने की साजिश असफल होने पर अब कुछ लोग इस तरह के प्रयास कर रहे हैं पर इसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों को गुजरात में पूरी सुरक्षा दी जाएगी और उन्हें वापस नहीं लौटना चाहिए।
सभी हिंसा प्रभावित जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये बैठक के बाद सिंह ने कहा अब तक 52 मामलों में 431 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने दावा किया कि पिछले 24 घंटे में छिटपुट मामलों को छोड़ कर कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। यह दौर अब समाप्ति की ओर है।
उन्होंने कहा कि गुजरात को छोड़ कर जाने वाले लोगों के बारे में कोई पक्का आंकड़ा नहीं है पर इनमें से अधिकतर दुर्गापूजा और अन्य त्यौहारों के मददेनजर गए हैं। सिंह, जो स्वयं भी बिहार के मिथिला क्षेत्र के मूल निवासी हैं, ने कहा कि गुजरात समेत पूरा भारत सभी भारतीयों के लिए है और कोई भी अपनी इच्छा के अनुरूप कही भी रह सकता है। सिंह ने वापस लौटने वाले लोगों से वापस गुजरात आने की भी अपील की और कहा कि परिवार में भी छोटे मोटे विवाद हो जाते हैं।
ज्ञातव्य है कि कुछ दिनों पहले उत्तर गुजरात के साबरकांठा जिले के ढुंढर गांव में ठाकोर समुदाय की 14 माह की एक बच्ची के साथ रेप के मामले में बिहार के मूल निवासी एक श्रमिक की गिरफ्तारी के बाद से राज्य के उत्तरी जिलों में हिंसा की घटनाएं हो रही हैं।
उधर, हिंसक घटनाओं के चलते राज्य के श्रमिकों के पलायन तथा डर के कारण पिछले कुछ दिनों से काम पर नहीं आने के चलते मुख्य रूप से छोटे और मझौले उद्योगाे और अन्य तरह के व्यवसायिक कामों में करोड़ो रूपए का कारोबारी नुकसान होने का भी अनुमान लगाया गया है। गुजरात चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिख कर इस स्थिति पर चिंता जताई है।
उधर, इस मामले को लेकर राजनीति का दौर भी जारी है। सत्तारूढ भाजपा ने जहां स्थिति को बिगाड़ने के लिए कांग्रेस और इसके विधायक तथा ठाकोर सेना के अध्यक्ष अल्पेश ठाकोर को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं कांग्रेस ने इस मामले में भाजपा पर राजनीति करने का तथा षडयंत्र करने का आरोप लगाया है।
अल्पेश ने हालांकि इन आरोपों से इंकार किया है और भाजपा पर उन्हें बदनाम करने का इल्जाम लगाया है। पास नेता हार्दिक पटेल ने उनके सहयोगी माने जाने वाले ठाकोर के रवैये से असहमति जताते हुए इस मामले में उनसे दूरी बना ली है।