अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद की एक अदालत ने स्थानीय महानगरपालिका में सत्तारूढ़ भाजपा के एक कार्पोरेटर के आवास पर पिछले साल हुए हमले से जुड़े मामले में पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल की जमानत अर्जी रद्द करने की राज्य सरकार की मांग को आज ठुकरा दिया।
यहां अपने आवास पर तीन दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हार्दिक 20 मार्च 2017 को शहर के रामोल क्षेत्र के भाजपा कार्पोरेटर परेश पटेल के आवास पर हमले से जुड़े इस मामले में जमानत पर हैं।
राज्य सरकार ने उन पर जमानत की शर्त भंग करते हुए रामोल इलाके में अनाधिकारिक प्रवेश का आरोप लगाते हुए उनकी जमानत रद्द करने की अदालत से गुहार की थी। उधर हार्दिक ने अदालत से जमानत की शर्त में सुधार करते हुए उन्हें इस इलाके में प्रवेश की अनुमति मांगी थी। यहां अपर जिला जज चौहाण ने सरकार की अर्जी ठुकराने के साथ ही साथ हार्दिक के आग्रह को भी ठुकरा दिया।
किसानों की कर्ज माफी और पाटीदार समुदाय को आरक्षण जैसी मांग को लेकर अपने आवास पर ही अनशन पर बैठे हार्दिक ने आशंका जतायी थी कि उक्त मामले में उनकी जमानत रद्द करा कर उन्हें जेल भेजा जा सकता है ताकि उनके अनशन कार्यक्रम को बाधित किया जा सके। पर ऐसा नहीं हुआ।
उधर, हार्दिक के अनशन के तीसरे दिन आज डाक्टरों ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया और उनका रक्तचाप और रक्त शर्करा सामान्य पाई गई।
इस बीच, अन्य स्थान पर अनशन की अनुमति नही मिलने के चलते अपने आवास पर अनशन कर रहे हार्दिक से मिलने आने वालों पर कथित पुलिस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस के विधायकों के एक दल ने यहां राज्य मानवाधिकार अायोग में शिकायत दर्ज कराई। इसमें कांग्रेस विधायक ललित कगथरा, हर्षद रिबडिया, किरीट पटेल और आशा पटेल भी शामिल थे।
उधर, इस मुद्दे तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा की अगुवाई में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल आज राज्यपाल से भी मिल रहा है।