अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के द्वारका विधानसभा क्षेत्र के दिग्गज भारतीय जनता पार्टी विधायक पबुभा माणेक के निर्वाचन को रद्द कर दिया है।
अदालत ने 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में हुई उनकी जीत को उनके नामांकन पत्र में गंभीर त्रुटि होने के कारण खारिज कर सदन की सदस्यता खत्म कर दी। अदालत ने हालांकि अपने आदेश के खिलाफ उन्हें उच्चतम न्यायालय में अपील करने की इजाजत दे दी।
वर्ष 1990 से लगातार सातवीं बार जीते माणेक के निकटतम प्रतिद्वंदी मेरामण गोरिया (अहिर) ने अदालत में अर्जी दायर कर कहा था कि उनके नामांकन पत्र में विधानसभा क्षेत्र (82-द्वारका) का नाम लिखने की जगह उनके प्रस्तावक ने अपना नाम लिख दिया था। गोरिया ने उन्हें पिछले चुनाव में 5739 मतों से पराजित किया था।
न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय की अदालत ने नामांकन में त्रुटि को जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 33, 35 और 36 के प्रावधानों के अनुरूप नहीं बताते हुए माणेक के निर्वाचन को रद्द कर दिया।
याची गोरिया के वकील बाबू मांगुकिया ने बताया कि इसके साथ ही माणेक अब द्वारका के विधायक नहीं रह गए हैं। उनके प्रस्ताव धरणांत ने नामांकन फार्म में विधानसभा क्षेत्र की जगह अपना नाम लिख दिया था जो एक गंभीर गलती है।
ज्ञातव्य है कि गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी ने गत पांच मार्च को तलाला के कांग्रेस विधायक भगवान बारड़ को अयोग्य घोषित कर दिया था।
उन्हें एक मार्च को गिर सोमनाथ जिले के सूत्रापाड़ा की एक अदालत ने खनिज चोरी के एक मामले में दो साल नौ माह की सजा सुनाई थी। चुनाव आयोग ने तलाला मेें उपचुनाव भी घोषित कर दिया था पर उच्चतम न्यायालय ने उस पर रोक लगा दी है।