जुजवा (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार में दिल्ली से निकला एक रूपया गरीबों के घर में पूरे एक सौ पैसे के तौर पर ही पहुंचता है।
मोदी ने आज अपने गृहराज्य गुजरात के वलसाड जिले के जुजवा में एक सभा में कहा कि अब दिल्ली से एक रूपया निकलता है तो गरीब के घर में पूरे सौ पैसे पहुंच जाते हैं। उनका इशारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के उस चर्चित बयान की ओर था जिसमें उन्होंने अपनी सरकार के दौरान दिल्ली से चले एक रूपए के नीचे तक पहुंचते पहुंचते मात्र 15 पैसे बन जाने की बात कही थी।
अपने संबाेधन से पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घरों के लाभार्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की गई बातचीत की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में यह हिम्मत है कि मीडिया के सामने वह किसी मां से यह पूछ सकते हैं कि उन्होंने आवास लेने के लिए कोई दलाली अथवा रिश्वत तो नहीं दी।
उन्होंने कहा कि इन आवासों को देख कर यह सोच उठती थी कि क्या प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी सरकारी योजना के तहत भी ऐसे सुंदर आवास बन सकते हैं। पर उनकी सरकार ने यह संभव बनाया है। इसमें बिचौलियों की नहीं चली। घर भी सरकारी ठेकेदारों ने नहीं बनाया बल्कि इनमें रहने वालों ने इसके लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री तय की।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने देश को गरीबी से मुक्ति दिलाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया है। पहले बैंक थे पर इनमें गरीबों का प्रवेश नहीं था। उनकी सरकार जन धन योजना के जरिये बैंकों को ही गरीबों के घर के सामने ले आई। उन्होंने सौभाग्य और उज्जवला योजना आदि की भी चर्चा की।
दिंवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि उनसे जुड़ी ग्राम सड़क योजना को भी उनका सरकार पूरा करेगी। गुजरात में मिली सीख के अनुरूप वह सामान्य से सामान्य व्यक्ति के जीवन में आमूल चूल परिवर्तन और उसके सपने पूरा करने के लिए समयबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं और 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने पर सब के लिए घर का सपना पूरा करेंगे। पहले बड़े नेताओं के घरों और उनके सजावट की चर्चा होती थी पर आज वह बतौर प्रधानमंत्री एक लाख से अधिक लोगों के गृह प्रवेश के लिए वलसाड के एक गांव में आए हैं।
इससे पहले, मोदी राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 1727 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित 115551 आवासों के विभिन्न जिलों के लाभार्थियों को जुजवा गांव से सामूहिक ई-गृह प्रवेश कराया। उन्होंने अलग अलग जिलों में लाभार्थी महिलाओं से वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत भी की। ये सभी मकान महिलाओं के नाम से ही बनाए गए हैं। उन्होंने इसे रक्षाबंधन के मौके पर अपनी ओर से बहनों को एक उपहार करार दिया।
मोदी ने मुख्यमंत्री ग्रामोदय योजना के अंतर्गत 5 हजार महिलाओं को उद्योग से जुड़ाव का कौशल प्रमाणपत्र तथा नियुक्ति पत्र वितरित किया और वलसाड़ के धरमपुर कपराड़ा के दुर्गम गांवों को पेयजल पहुंचाने की 586 करोड़ रुपए की अस्टोल समूह जलापूर्ति योजना के भूमिपूजन की पट्टिका का अनावरण भी किया और इसे भी घर में पानी की कमी होने पर सबसे अधिक असरग्रस्त होने वाली बहनों के लिए रक्षाबंधन का एक उपहार बताया। उन्होंने बाद में अपने संबोधन में कहा कि देश भर की मां बहनों ने उन्हें एक रक्षा कवच दे रखा है जिसके लिए वह उनके आभारी हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात में वर्षा के जल के समुद्र में बह जाने से रोकने और हर घर में नल से पेयजल पहुंचाने की योजना के तहत दो से तीन सौ लोगों की आबादी वाले गांव के लिए दो सौ मंजिल तक की ऊंचाई तक पानी को ले जाने का काम किसी तकनीकी चमत्कार से कम नहीं है। जैसे गिर सोमनाथ के जंगल में एक वोटर के लिए मतदान केंद्र बनाने का समाचार सुर्खियां बटोरता रहा है, वैसे ही यह योजना भी सुर्खियों की हकदार है।
मोदी ने गुजरात में इस बार हुई वर्षा की चर्चा करते हुए कहा कि पिछली बार वर्षा के चलते ही उनका यह दौरा टल गया था। इस बार कभी अति भारी बारिश हुई है तो कभी हफ्तों वर्षा नहीं हुई पर पिछले कुछ दिनों में जो वर्षा हुई है उससे फसल अच्छी होगी और आने वाला समय अच्छा बीतेगा।