Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
शरद पूर्णिमा पर 'पूनम नी प्यारी-प्यारी रात' की धूम के साथ रास-गरबा - Sabguru News
होम Rajasthan Ajmer शरद पूर्णिमा पर ‘पूनम नी प्यारी-प्यारी रात’ की धूम के साथ रास-गरबा

शरद पूर्णिमा पर ‘पूनम नी प्यारी-प्यारी रात’ की धूम के साथ रास-गरबा

0
शरद पूर्णिमा पर ‘पूनम नी प्यारी-प्यारी रात’ की धूम के साथ रास-गरबा

अजमेर। शरद पूर्णिमा के अवसर पर अजमेर के गुजराती समाज ने रविवार को ‘पूनम नी प्यारी-प्यारी रात, मारी प्रीतम साथे छे मुलाकात, आज तू ना जाती’ की धूम के साथ रास-गरबा किया और चंद्रमा की शीतल रोशनी में रखी गई खीर का मध्य रात्रि को वितरण किया गया।

गुजराती महामंडल के सचिव नितीन भाई मेहता ने बताया कि इससे पहले शरद पूर्णिमा के उपलक्ष्य में गुजराती स्कूल प्रांगण में सांस्कृतिक संध्या रासोत्सव आयोजित की गई। इसमें गीत, संगीत और नृत्य का सिलसिला देर रात तक चला। नन्हे आर्यन चावडा ने हनुमान चालिसा की संगीतमय प्रस्तुति दी। गार्गी चावडा ने बेटियों के संघर्ष से ओतप्रोत कविता तुम मुझको कब तक रोकोगे सुनाकर खूब दाद पाई।

भव्या, आर्ची और युग पटेल ने पुलवामा उरी अटैक के दौरान भारतीय सेना के पराक्रम को लघु नाटिका के जरिए  प्रदर्शित किया। रिषिता पटेल ने नृत्य उंगली पकड…, यशस्वी मेहता ने ओढनी उडी उडी जाए…, दीपा पांचाल ने घूमर नृत्य, पलक पटेल ने पंजाबी दा सवेग, भाविनी व भूमिका राठोर ने मारो मन मोही गयूं…, अवनी पटेल और समूह ने उडी उडी और घूमर की शानदार प्रस्तुति दी।


अतुल भाई मेहता ने गीत छूकर मेरे मन को…, रमेश भाई सोनी ने जाने कहां गए वो दिन…, उवी पटेल ने घर मोरे परदेसीया…सुनाकर खूब तालियां बटोरीं। नवरात्र कमेटी के सदस्य दंपती रमेश भाई-रेखा सोनी, अतुल भाई-फाल्गनी मेहता, राजेश भाई अंबानी-कविता अंबानी, मनोज भाई-निमिशा मनीआर ने सामूहिक नृत्य कर समा बांध दिया। प्रफूल्ला पटेल विभिन्न योग मुद्राओं का प्रदर्शन कर योग की महत्ता से अवगत कराया। दिशा पटेल, रोहन पांचाल, मनोज मनियार आदि ने भी प्रस्तुति दीं।

इस मौके पर अध्यक्ष यशवंत राय सोनीजी, ट्रस्टी अध्यक्ष चन्द्रकांत भाई पटेल, कांति भाई पटेल, मनहर भाई पटेल, मनोज मणियार, जय मेहता, गिरीश सोनी, पदमा मेहता, इंदिरा अंबानी, कन्हैयालाल शर्मा, कविता अंबानी, प्रणव अंबानी, दीपक अंबानी, सोनल अंबानी, ब्रिजल पटेल, अवनी पटेल, रीमा मेहता समेत बडी संख्या में गुजराती समाज के लोग मौजूद रहे।

क्यों मनाया जाता है रासोत्सव

शरद पूर्णिमा महोत्सव कमेटी के सदस्य राजेश अंबानी ने बताया कि प्राचीन लोककथा के अनुसार श्रीकृष्ण राधा रानी और अन्य सखियों के साथ शरद पूर्णिमा की रात महारास रचाते हैं तब चंद्रमा आसमान से रास देखकर भाव-विभोर हो जाता है और अपनी शीतलता के साथ पृथ्वी पर अमृत की वर्षा शुरू कर देता है।

इसीलिए भक्तगण शरद पूर्णिमा की शीतल चांदनी में दूध-पौंआ, दूध-चावल, बादाम से बनी खीर और घी में काली मिर्च मिलाकर खुले आसमान के नीचे रातभर रखकर उसमें ओंस की बूंदों को अमृत के रूप में बटोरते हैं तथा प्रसाद के रूप में इस खीर का वितरण करते हैं।

माना जाता है कि खाली पेट यह खीर खाने से सभी रोग दूर होते हैं, शरीर निरोगी होता है। ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भाद्रपद मास में शरीर में पित्त का जो संचय हो जाता है। शरद पूर्णिमा की शीतल चांदनी में रखी खीर खाने से पित्त बाहर निकलता है।