जयपुर। राजस्थान में भरतपुर जिले के बयाना तहसील के अड्डा गांव में गुर्जर आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर हुई महापंचायत में गुर्जर समुदाय ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगें नहीं मानी गई। तो एक नवम्बर से बड़ा आंदोलन शुरु किया जाएगा।
गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंस ने महापंचायत में स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने राजस्थान में गुर्जरों सहित पांच अन्य पिछड़े वर्गों (एमबीसी) को दिए गए पांच प्रतिशत आरक्षण को संवैधानिक संरक्षण न दिया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
इस मांग के अलावा महापंचायत में इससे पहले के आंदोलन के दौरान शहीद हुए लोगों को नौकरी और मुआवजा देने, गुर्जरों के लिए लागू देवनारायण योजना को सही तरीके से लागू करने और गुर्जर आंदोलनकारियों पर दर्ज मामले वापस लेने की भी मांग की गयी।
उधर, महापंचायत में सभी गुर्जर नेताओं ने फैसला किया है कि वे एक नवम्बर तक कोई आंदोलन नहीं करेंगे। एक नवम्बर को फिर से महापंचायत बुलाई गई है। इसके बाद मांगें नहीं माने जाने पर फिर से सड़कों और रेलमार्ग पर आंदोलन किया जाएगा।
महापंचायत के बाद सभी गुर्जर नेता घर लौट गए। इससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है। इससे पहले कल रात बारह बजे से पूरे सवाई माधोपुर जिले और भरतपुर के कई इलाकों में 24 घंटों के लिए इंटरनेट सेवायें बंद कर दी गई जो आज रात बारह बजे से फिर शुरु होने की संभावना है।
डोटासरा की बातचीत से मसला सुलझाने की अपील
राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने आरक्षण को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे गुर्जर नेताओं से मसला बातचीत के जरिए सुलझाने की अपील की हैं।
डोटासरा ने आज सोशल मीडिया के जरिए गुर्जर नेताओं से अपील की कि यह मामला बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलनों में दूसरे लोग फायदा उठाते हैं और नुकसान प्रदेश की जनता का होता है। डूंगरपुर मामला इसका उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि गुर्जर नेताओं को सरकार द्वारा गुर्जर आरक्षण के संबंध में बनी कमेटी के साथ बात करनी चाहिए। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार उनकी हर जायज मांग एवं समस्या के समाधान के लिए कटिबद्ध हैं।
डोटासरा ने कहा कि जहां तक गुर्जरों को आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने का मामला है, सभी जानते हैं कि यह केंद्र सरकार के हाथ में है। उन्होंने कहा कि प्रदेश से 25 सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं और उनको जिताने में प्रदेश के गुर्जर समाज का भी योगदान रहा हैं।
केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार हैं लेकिन प्रदेश में भाजपा के 25 सांसदों में से एक भी सांसद ने अब तक गुर्जर आरक्षण को नौवीं अनूसची में डालने की मांग नहीं की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मौजूदा सभी सांसदों को इस संबंध में मोदी को ज्ञापन देकर मांग करनी चाहिए कि गुर्जरों की मांग का समाधान किया जाए।