हमारे आसपास समाज में कई इस प्रकार की घटनाएं होती हैं। जिसे लेकर मन पूरी तरीके से खराब हो जाता है, लेकिन उसके बारे में देखा जाए तो कोई भी आवाज नहीं उठाता है। जी हां हम बात कर रहे हैं लापता होने वाले लोगों की, चाहे वे बच्चे हों, बड़े या बूढ़े हों।
आप में से कई लोगों ने किसी अखबार में या सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप या कोई अन्य माध्यमों पर इस तरह के पोस्ट देखे होंगे जिसमें कि यह देखा जाता है कि किसी का पोस्ट ग्रुप में या इंडिविजुअल लेवल पर गुमशुदा संबंधी मैसेज आते हैं। इनमें से कुछ बच्चों के बारे में होते हैं और यह लिखा होता है “यह बच्चा आज रात को ही इस जगह से गायब हो गया है। इसको इसके पिता से मिलाना है या उसके उसकी मां से मिलाना है और इसे आप आगे से आगे तक शेयर करिए और अधिक से अधिक शेयर करिए।”
यह एक उदाहरण है इस तरह के कई प्रकार के मैसेज चलते हैं जो कि लापता लोगों पर होते हैं अजीब बात है कई बार इस तरह के मैसेज लोगों के बीच में सालों से चल रहे होते हैं। कई बार तो इस तरह के मैसेज पूरी तरीके से फेक होते हैं। लेकिन इसका कोई उपाय नहीं निकल पाता लेकिन यहां बात इस मसले की नहीं हो रही यहां मसला यह है कि सरकार या लोग या किसी एनजीओ संस्थान की बात करें जो कि बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन इन सभी चीजों के लिए किसी प्रकार का अभियान नहीं चलाते और यदि चलाते भी हैं तो उन्हें कोई बड़ा माध्यम नहीं मिल पाता।
क्या आपको नहीं लगता की लापता लोगों के लिए एक ऐसा माध्यम होना चाहिए जिसकी पूरे भारत में हर एक शख्स तक पहुंच हो जिसके द्वारा चाहे कोई लापता हो जाता है या किसी को कोई लापता शख्स मिल जाता है वह उस माध्यम के द्वारा यह जानकारी प्रसारित कर दें और इसे पुलिस एनजीओ संस्थान व भारत का हर एक नागरिक देख सके चाहे वह वेबसाइट हो चाहे एप्लीकेशन इसकी पूरी प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी सरकार और टीवी मीडिया, प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन मीडिया सभी को होनी चाहिए।
सभी को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और हर एक शख्स को पता होना चाहिए कि हमारे भारत में एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा लापता लोगों को इस माध्यम के द्वारा उनके परिजन से मिलाया जा सकता है लेकिन ऐसा होता नहीं है यह सभी चीजें केवल सोशल मीडिया पर आकर ही चलती हैं और रुक जाती हैं।
इसको लेकर किसी भी प्रकार का अभियान नहीं चलाया जाता आखिर ऐसा क्यों होता है इसका तो पता नहीं लेकिन इसके लिए कोई जागरुक नहीं है यदि इसकी शुरुआत के लिए कोई इस तरह का माध्यम बना भी ले तो भी उसको सरकार से उतना सहयोग नहीं मिल पाता जितना कि उसे मिलना चाहिए यह बात अलग-अलग लोगों की नहीं हो रही यहां बात हो रही है केवल किसी एक शख्स की जो अपने किसी परिजन से दूर हो गया है।
आपको दोबारा से बता दे चाहे वह बच्चा हो चाहे वह बूढ़ा हो चाहे वह जवान हो वह कोई भी हो सकता है ऐसे किसी माध्यम के द्वारा लोगों का होना बहुत ही कम हो जाएगा और यदि किसी कारण से कोई ऐसा लापता हो भी जाता है तो उनका मिलना आज की तुलना में आसान हो जाएगा लेकिन इसको लेकर किसी भी प्रकार का बड़ा कानून नहीं आता और यह केवल एक बात नहीं है इसके अलावा भी हमारे देश में कई ऐसे मसले हैं जिन को लेकर कभी आवाज उठा ही नहीं जाती और अगर कोई उठाने की कोशिश करता है तो उसकी आवाज को दबा दिया जाता है।
यदि आप इस बात से सहमत हैं तो इसे शेयर करिए या सोशल मीडिया द्वारा इसको लेकर अपना मत रखिए और इस पर अपने विचार और टिप्पणी करिए इसके अलावा आपको क्या लगता है कि ऐसी कई चीजें हैं जो चल रही हैं और वह गलत है तो हमें भी बताये।