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आंदोलनकारी गुर्जरों से बातचीत के लिए नहीं पहुंचे अशोक चांदना - Sabguru News
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आंदोलनकारी गुर्जरों से बातचीत के लिए नहीं पहुंचे अशोक चांदना

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आंदोलनकारी गुर्जरों से बातचीत के लिए नहीं पहुंचे अशोक चांदना

भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में मोस्ट बैकवर्ड कास्ट की भर्तियों सहित छह सूत्रीय मांगों पर आरक्षण के लिए आंदोलनरत गुर्जरों ने आज दूसरे दिन दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर कब्जे के साथ हिंडौन राजकीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है।

आंदोलन के लंबा खिंचने की उम्मीद में गुर्जरों ने ट्रैक पर तैयारियां भी शुरू कर दी है। इस बीच गुर्जर नेता किरोड़ी बैसला सहित उनके पुत्र विजय बैसला एवं आंदोलनकारी पूरे दिन खेल मंत्री अशोक चांदना का पीलूपुरा आकर बातचीत का इंतजार करते रहे, लेकिन न तो चाँदना पीलूपुरा ही पहुंचे और न ही उनका कोई सन्देश उन्हें मिला।

गौरतलब है कि खेल मंत्री अशोक चांदना रविवार की रात को बैसला एवं आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए हिंडोन तक पहुचे थे, लेकिन अपरिहार्य कारणों से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी। इस संबंध में बैसला के पुत्र विजय बैंसला ने बताया कि खेल मंत्री अशोक चांदना देर शाम आए थे, लेकिन रात होने के कारण वार्ता नहीं हो सकी उनसे सुबह आने को कहा गया था।

उन्होंने कहा कि वे दिन भर चांदना के आंदोलन स्थल पहुंचने का इंतजार करते रहे। बैंसला के अनुसार सरकार से समाज यह जानना चाहता है कि दो दिन पहले जयपुर में हुए समझौते में सरकार ने समाज को क्या दिया है। अगर समाज उनकी बातों से संतुष्ट हुआ तो ठीक है वरना आंदोलन जारी रहेगा। दूसरी तरफ दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग के पीलूपुरा पर सुबह आंदोलनकारियों की संख्या काफी कम रही।

आंदोलन की कमान संभाल रहे विजय बैंसला आंदोलनकारियों के उत्साहवर्धन के लिए ट्रैक पर मौजूद रहे। ट्रैक पर डटे आंदोलनकारियों के चाय-पानी, बिस्किट की व्यवस्था आसपास के गांव के लोगों की ओर से की जा रही है। बीती रात आंदोलनकारी ने ट्रैक पर अलाव जलाकर काटी। खाने पीने की व्यवस्था भी भरपूर की गई है। पटरियों के पास ही गैस-चूल्हों की व्यवस्था की गई है।

इस बीच गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। सरकार को हमारी मांगों को जल्द से जल्द मान लेना चाहिए। गुर्जर आरक्षण आंदोलन के जोर पकड़ने के साथ ही ट्रेनों के मार्ग परिवर्तन का सिलसिला भी तेज हो गया है।

रविवार से लेकर सोमवार दोपहर तक उत्तर पश्चिम रेलवे इस मार्ग की 17 ट्रेनों का मार्ग परवर्तित कर चुका है। पटरियों पर कब्जा जमाए बैठे गुर्जर युवकों का कहना है कि अब वे नियुक्ति पत्र लेकर ही घर जाएंगे।

उधर, सूत्रों ने बताया कि आंदोलनकारियों को अब पुलिस का डर भी सताने लगा है। इस सम्बंध में विजय बैंसला ने एक बयान जारी करके कहा कि ऐसी सूचना है कि पुलिस एवं प्रशासन आंदोलनकारियों पर देर रात काररवाई कर सकते हैं। अगर ये अफवाह है तो साफ करे, अगर सच है तो हम तैयार है।