अजमेर। प्रदेश में बीते छह दिन से आरक्षण की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन तथा रेल पटरियों व सडकों पर डटे गुर्जरों के समर्थन व सकारात्मक समाधान के लिए प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव एडवोकेट राजेश टंडन बुधवार को एक दिन के सांकेतिक उपवास पर बैठ गए।
अजमेर कलेक्ट्रेट के बाहर लगाए गए टेंट में टंडन के सुबह करीब दस बजे आते ही गुर्जर समाज के कई प्रतिनिधियों व समर्थकों ने उनका मालाएं पहनाकर स्वागत किया। अपनी ही सरकार की वादा खिलाफी पर नाराजगी जताते हुए टंडन ने कहा कि गुर्जरों को आरक्षण का मसला अब कुंभ की तरह रूप ले चुका है। हर बार सरकारें उन्हें आरक्षण का वादा करती हैं और बाद में उन्हें आंदोलन पर उतरना पडता है। इस समस्या का हल निकलना ही चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुुुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आते ही गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। अब जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन चुकी है, ऐसे में वादा खिलाफी नहीं होनी चाहिए। गुर्जर समाज के लोग बीते कई दिन से आंदोलन पर उतरे हुए हैं।
कांग्रेस का घोषणा पर हमारे लिए गीता और बाइबिल की तरह है। इसमें कहीं बात की पालना होनी ही चाहिए। मुख्यमंत्री बनते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी का घोषणा पत्र चीफ सेकेट्री को पालना करवाने के लिए प्रेषित कर दिया।
जस्टिस चोपडा कमेटी ने गुर्जरों को अति पिछडा तथा आदिवासी की तरह जीवन यापन करने वाला माना, गुर्जरों के पास कृषि योग्य भूमि नहीं है। इस आधार पर एक प्रतिशत आरक्षण उन्हें दिया गया। चूकिं कांग्रेस ने गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया है, इसकी पालना होनी ही चाहिए। इस मुद्दे को अनाश्यक पेचीदा नहीं बनाना चाहिए। कुछ कानूनी अडचनें आएंगी तो उसके लिए सुप्रीम कोर्ट है।
आरक्षण देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, जिस तरह केन्द्र सरकार ने सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने से पहले सुप्रीमकोर्ट से मंजूरी नहीं ली बल्कि अपने स्तर पर निर्णय किया उसी तरह प्रदेश सरकार को भी पहल करनी चाहिए। कुछ गलत लगेगा तो सुप्रीमकोर्ट तय कर देगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से शांति बनाए रखने की अपील को वाजिब करार देते हुए कहा कि गुर्जरों को भी शांति पूर्वक आंदोलन करना चाहिए ताकि किसी को इससे असुविधा न हो, सरकारी संपत्ति का नुकसान न हो तथा जनहानि से बचा जाए। मसले का सकारात्मक तरीके से हल निकले ऐसे प्रयास होने चाहिएं। गुर्जरों को एक प्रतिशत आरक्षण दिया जा चुका है, उन्हें 4 प्रतिशत आरक्षण और दिया जाना चाहिए।
जिले के कांग्रेस नेताओं ने बनाई दूरी
14 फरवरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के अजमेर प्रस्तावित सेवादल के राष्ट्रीय अधिवेश की तैयारियों में व्यस्त अजमेर कांग्रेस के नेताओं ने राजेश टंडन के उपवास से दूरी बनाए रखी। जिले का कोई भी आला नेता उनके पास नहीं पहुंचा। इस बारे में टंडन ने भी कहा कि उपवास रखने का निर्णय उनका व्यक्तिगत मामला है। वे तो बस यही चाहते हैं कि कांग्रेस वादा खिलाफी न करें और गुर्जरों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।