जयपुर। राजस्थान में गुर्जर समाज द्वारा पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर चार दिन से जारी आंदोलन के बीच गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा है कि सरकार अगर मसौदा लेकर आए तो वह वार्ता के लिए तैयार हैं।
सवाई माधोपुर जिले के मलारना में पटरियों पर धरने पर बैठे बैंसला ने आज पत्रकारों से कहा कि कल केबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह कोई प्रस्ताव लेकर नहीं आए थे, लिहाजा बातचीत का कोई औचित्य नहीं था। उन्होंने कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन वह कुछ लेकर तो आएं। उस पर हम बात करें। आंदोलन कर रहे लोग समझदार हैं।
उन्होंने गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के सम्बन्ध में कहा कि आंध्रप्रदेश में दिए गए चार प्रतिशत आरक्षण की तरह ही राजस्थान में भी केंद्र के सहयोग से गुर्जरों को आरक्षण दिया जा सकता है।
उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बात से ही बात बनेगी। उन्होंने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने का अनुरोध करते हुए कहा कि बातचीत से समस्या का हल किया जा सकता है। इस समस्या का समाधान केंद्र के सहयोग के बिना संभव नहीं है।
दूसरी ओर गुर्जर समाज के संगठनों ने संयुक्त बैठक करके चेतावनी दी है कि जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन को देशव्यापी बनाया जाएगा।
बैठक में कर्नल बैंसला को पूर्ण समर्थन देने के साथ ही कहा गया कि कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में सत्ता में आने पर गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का स्पष्ट वादा किया था। लिहाजा कांग्रस को अपना वादा पूरा करना चाहिए।
अगर कांग्रेस वादे पर खरी नहीं उतरी तो आंदोलन देशभर में तेज किया जाएगा। यह कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह केंद्र सरकार से गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे को नौवीं अनुसूची में जुड़वाए।
बैठक में राज्य और केंद्र सरकार को चेतावनी दी गई कि परस्पर तालमेल से वे समस्या का जल्द हल निकालें। केंद्र ने आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 50 से 60 प्रतिशत कर दी है, लिहाजा इसी तर्ज पर गुर्जरों के लिए भी कानून बनाकर पांच प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की जाए।
हम लोग बैंसला के साथ हैं और शांतिपूर्ण तरीके से समस्या का हल चाहते हैं। कांग्रेस ने वादा किया था, उसे पूरा किया जाए। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की भी जिम्मेदारी हैं कि वह समस्या का समाधान कराएं। अगर मांगें नहीं मानी गईं तो देशभर में आंदोलन किया जाएगा।