जयपुर। राजस्थान में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जर नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा है कि पचास प्रतिशत आरक्षण की सीमा में अन्य पिछड़ा वर्ग के इक्कीस प्रतिशत आरक्षण में ही उन्हें पांच प्रतिशत आरक्षण चाहिए।
गुर्जर ने आज अपने बयान में कहा कि ओबीसी का वर्गीकरण होने पर ही उनके आरक्षण का स्थाई समाधान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि गुर्जरों को पचास प्रतिशत की सीमा में ही ओबीसी के इक्कीस प्रतिशत आरक्षण में पांच प्रतिशत आरक्षण चाहिए।
उन्होंने कहा कि हाल में सवर्णों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण जो आर्थिक आधार पर देने की बात कही गई जबकि गुर्जर सहित पांच जातियों का आरक्षण जातीय आधार पर हैं, इसलिए यह पचास प्रतिशत से अधिक सीमा में आरक्षण नहीं मिल सकता।
क्योंकि इस संबंध में इंदिरा साहनी का निर्णय आ चुका है कि जातीय आधार पर पचास प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर विश्वास हैं और उन्होंने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की अध्यक्षता में एक उपसमिति को यह जिम्मेदारी दी हैं। उन्होंने कहा कि पायलट भी आरक्षण के स्थाई समाधान की बात कह चुके हैं। अब थोड़ा इंतजार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पचास प्रतिशत की सीमा के अलावा कोई मांग कर रहा है तो वह समाज को गुमराह करने का काम कर रहा हैं तथा वह गुर्जर सहित पांच जातियों को आरक्षण की सामान्य श्रेणी में ले जाने का प्रयास हो सकता हैं। उन्होंने इसे वोट बैंक की राजनीति करार देते हुए कहा कि जातीय आधार पर पचास प्रतिशत से अधिक आरक्षण की मांग करना ही गलत हैं।
गुर्जर ने गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के उस बयान की आलोचना भी की जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार कहीं से, कैसे भी दे, लेकिन उन्हें आरक्षण दे। उन्होंने कहा कि इस तरह की मांग पिछले तेरह वर्षों से की जा रही है और सरकार यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेती है कि गुर्जरों की मांग के अनुसार विधेयक बनाया हैं और अब मामला न्यायालय में लम्बित हैं, हम क्या करे।
उधर, बैंसला ने गुर्जर आरक्षण को लेकर आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि हमें पांच प्रतिशत आरक्षण चाहिए, सरकार कैसे देगी, यह सरकार का काम हैं, अगर सरकार आरक्षण नहीं देगी तो आंदोलन किया जाएगा।