जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को गुर्जर सहित पांच जातियों के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण के लिए राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन विधेयक पारित किया गया।
प्रतिपक्ष के सदस्यों ने विधेयक का समर्थन करते हुये इसके कानूनी पहलुओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले भी इस मामले में विधेयक पारित हुये है लेकिन अदालत में अटकने से उनका लाभ गर्जरों को नहीं मिल पाया है।
प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि गुर्जरों को शांत करने के लिए यह विधेयक लाया जा रहा है लेकिन इसका लाभ दिलाने के लिए संविधान में संशोधन लाना जरूरी है। प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि विधेयक लाने से पहले विधिवेताओं से राय ली जानी चाहिए थी।
कांग्रेस के सदस्यों ने गुर्जर आंदोलन को लेकर भाजपा पर कई आरोप लगाए तथा कहा कि भाजपा शासन में 72 गुर्जरों को गोली मारी गई तथा समस्या का समाधान बातचीत से न कर गोली से करने का प्रयास किया गया।
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने गुर्जरों को जनजाति में आरक्षण दिलाने का वादा किया था इसके बाद ही गुर्जरों ने आंदोलन शुरू किया। उन्होंने भाजपा से अपील की कि केन्द्र में संविधान संशोधन कर गुर्जरों को हक दिलाए। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा से भी ज्यादा आरक्षण दिया गया है।
ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने इस विधेयक को प्रस्तुत किया। इस विधेयक के जरिए इन पांच जातियों को सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
गुर्जर आरक्षण पर सरकार ने किया अपना वादा पूरा : डॉ रघु शर्मा