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गुरूपूर्णिमा महोत्सव : राजगढ़ धाम पर हजारों श्रद्धालुओं ने किया गुरूपूजन - Sabguru News
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गुरूपूर्णिमा महोत्सव : राजगढ़ धाम पर हजारों श्रद्धालुओं ने किया गुरूपूजन

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गुरूपूर्णिमा महोत्सव : राजगढ़ धाम पर हजारों श्रद्धालुओं ने किया गुरूपूजन

अजमेर। समीपवर्ती राजगढ स्थित श्री मसाणिया भैरव धाम पर सोमवार को गुरूपूर्णिमा महोत्सव धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ बाबा भैरव व मां कालिका के जयकारों के बीच मनाया गया। पंडित सत्येन्द्र शर्मा ने ‘सेन रत्न’ चम्पालाल महाराज के गुरूचरण पादुका प्रक्षालन एवं पादुका वन्दन कर गुरूपूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मां कालिका व बाबा भैरव की महाआरती हुई। महोत्सव में हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा भैरव, मां कालिका के दर्शन व सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा कर विशेष चमत्कारी चिमटी प्राप्त की।

राजस्थान के गौरव पुष्कर के रहने वाले नगाडा वादक नाथूलाल सोलंकी की टीम ने नगाडों की धुन पर बाबा भैरव व मां कालिका के मधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी जिसे सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर नाचने लगे। अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने गुरूपूजन करने के पश्चात धाम पर महाराज द्वारा किए जा रहे सामाजिक सरोकार के कार्यो की सराहना करते हुए धाम पर आने वाले श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं को मद्देनजर रखते हुए एक शुलभ शौचालय बनाने एवं श्री मसाणिया भैरवधाम राजगढ पुलिस चौकी के निर्माण के लिए सांसद कोष से 20 लाख रूपए की घोषणा की।

जीवन में अंधकार हटाकर उजाला भरने वाला ही सच्चा सतगुरू

गुरूपूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर चम्पालाल ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि गुरूपूर्णिमा अपने सद्गुरू की आराधना का दिवस है। सदगुरू वह है जो सत्य का मार्ग दिखाकर उस पर चलना सिखाए और शिष्यों के जीवन में छाए अंधकार को हटाकर उजाला भर दे। राजगढ़ धाम एकमात्र ऐसा धाम है जहां पर किसी भी प्रकार का दान, चन्दा, चढावा, गुप्तदान, पूजा सामग्री आदि स्वीकार नही किया जाता इसलिए गुरूपूर्णिमा पर भी किसी भी प्रकार की भेंट स्वीकार नहीं की गई। आने वाले भक्तों को पूजन करने के लिए पुष्प व पूजा सामग्री भी श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ चेरिटेबिल ट्रस्ट की ओर से उपलब्ध करवाई गई।

नशामुक्ति रैली का हुआ आयोजन

गुरूपूर्णिमा के शुभअवसर पर चम्पालाल महाराज के सान्निध्य एवं महेन्द्र सिंह रलावता व शराबबंदी आन्दोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा के मुख्य आतिथ्य में नशा मुक्ति की विशाल रैली चक्की वाले बाबा के मंदिर से भैरवधाम राजगढ़ तक निकाली गई। रैली में उपस्थित जनसैलाब को सम्बोधित करते हुए पूनम अंकुर छाबड़ा ने नशे की प्रवृत्ति को त्यागने के लिए सन्देश दिया। छाबड़ा ने कहा कि राजगढ धाम पर प्रथम बार आने का अवसर मिला है। महाराज श्री नशामुक्ति महाअभियान सालों से चला रहे हैं जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालुगण नशामुक्त हुए हैं। मेरा सभी से भी आग्रह है कि महाराजश्री की इस मुहिम को लाखों की संख्या से करोड़ों तक पहुंचाना है जिसके लिए मातृशक्ति का विशेष योगदान महत्वपूर्ण है।

चमत्कारी चिमटी का हुआ वितरण

प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि राजगढ़ में गुरूपूर्णिमा महोत्सव में देश-प्रदेश के श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला रविवारीय मेले जैसा हो गया। श्रद्धालु मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा करने व विशेष चिमटी प्राप्त करने के लिए लम्बी कतारों में लगे रहे। श्रद्धालुओं ने चम्पालाल महाराज के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद लिया तथा मसाणिया भैरव एवं कालका माता के दर्शन किए। मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा कर विशेष चिमटी प्राप्त की।

सेन ने बताया कि गुरूपूर्णिमा महोत्सव का समापन भैरव भक्त मण्डल के सदस्य तथा श्रद्धालुओं की मौजूदगी में आराध्य चम्पालाल महाराज की महाआरती के साथ हुआ। इस अवसर पर पंजाब से आए हुए नरेन्द्र तूर एवं उनके साथियों ने बाबा भैरव व मां कालिका के श्री चरणों में अपने आराध्य चम्पालाल महाराज का गुरू पूजन किया। पंजाबी पगड़ी पहनाकर व कृपाण अर्पित की एवं झंडा चढाया। धाम पर सभी श्रद्धालुओं के लिए श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ चेरिटेबिल ट्रस्ट द्वारा भण्डारा किया गया।

गुरूपूर्णिमा के अवसर पर अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी, आरटीडीसीआरटीडीसी चेयरमेन धर्मेन्द्र राठौड़, पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, सांसद भागीरथ चौधरी, महेन्द्र सिंह रलावता, ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत, बगरू विधायक गंगा देवी, देवीशंकर भूतड़ा भाजपा देहात अध्यक्ष, मानसिंह रावत सरपंच नांदला, गेंदघर वाले बाबा नसीराबाद के सदर रजी जाफरी प्रेम सिंह गौड, सुरेन्द्र सिंह शेखावत, दिलीप राठी सरपंच श्रीनगर आदि ने पूजा अर्चना की।

इसके अलावा ओमप्रकाश सेन, रमेश सेन, अविनाश सेन, राहुल सेन, मुकेश सेन, राजू चावड़ा, राजू गुर्जर, कमल शर्मा, संजीव कुमार, दीपक बसीटा, रामप्रसाद, भूपेन्द्र, कैलाश सेन, महेश वरजानी, महेन्द्र रावत, पुनित जांगीड़, धर्मेन्द्र, चेतन, शंकर नाथ, युवनेश, अमिताभ, ओमप्रकाश आदि ने व्यवस्थाओ को संभलने में योगदान दिया।