अजमेर। राजगढ स्थित श्री मसाणिया भैरव धाम पर बुधवार को गुरूपूर्णिमा महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। हर तरफ बाबा भैरव व मां कालिका के जयकारों की गूंज सुनाई पडती रही।
पंडित सत्येन्द्र शर्मा व पंड़ित राधेश्याम शर्मा द्वारा गुरूपूर्णिमा महोत्सव ‘सेन रत्न’ चम्पालाल महाराज के गुरूचरण पादुका प्रक्षालन एवं पादुका वन्दन से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इसके बाद मां कालिका व बाबा भैरव की महाआरती हुई। महोत्सव में हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा भैरव, मां कालिका के दर्शन कर सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा कर विशेष चमत्कारी चिमटी प्राप्त की।
सत्य के मार्ग पर स्वयं चलकर दूसरों को मार्ग दिखाए वही है सतगुरू
गुरूपूर्णिमा महोत्सव के शुभ अवसर पर चम्पालाल महाराज ने गुरूपूर्णिमा के अवसर पर आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि गुरूपूर्णिमा अपने सद्गुरू की आराधना का दिन है। सदगुरू वह है जो सत्य का मार्ग दिखाकर उस पर चलना सिखाए। राजगढ़ धाम एकमात्र ऐसा धाम है जहां पर किसी भी प्रकार का दान, चन्दा, चढावा, गुप्तदान, पूजा सामग्री आदि स्वीकार नहीं किया जाता, इसलिए गुरूपूर्णिमा पर भी किसी भी प्रकार की भेंट स्वीकार नहीं की गई। आने वाले भक्तों को पूजन करने के लिए पुष्प व पूजा सामग्री भी श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ चेरिटेबिल ट्रस्ट द्वारा उपलब्ध करवाई गई।
नगाडा वादक नाथूलाल सोलंकी एण्ड़ पार्टी ने दी प्रस्तुति
राजस्थान के गौरव पुष्कर के मशहूर नगाडा वादक नाथूलाल सोलंकी ने देश के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी कला का प्रदर्शन कर राजस्थान का नाम भी रोशन किया है। सोलंकी की टीम ने नगाडों की धुन पर बाबा भैरव व मां कालिका के मधुर भजनों की प्रस्तुतियां दीं जिसे सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर नाचने लगे। उन्होंने बताया की पिछले कई सालों से राजगढ़ धाम पर आने का सोच रहे थे पर योग ही नहीं बना, इस बार गुरूपूर्णिमा पर शुभसंयोग बना और धाम पर अपनी तीन पीढियों के साथ आना हो गया। मंदिर कमेटी की और से नाथूलाल सोलंकी व उनकी पूरी टीम का स्वागत सत्कार किया गया।
श्रद्धालुओं को अदभुत चमत्कारी चिमटी का हुआ वितरण
धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि राजगढ़ में गुरूपूर्णिमा महोत्सव में देश-प्रदेश के श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला रविवारीय मेले से ही हो गया था। श्रद्धालु मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा करने व विशेष चिमटी प्राप्त करने के लिए लम्बी कतारों में खड़े हो गए। श्रद्धालुओं ने चम्पालाल महाराज के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। मसाणिया भैरव एवं कालका माता के दर्शन किए तथा मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा कर विशेष चिमटी प्राप्त की।
सेन ने बताया कि गुरूपूर्णिमा महोत्सव का समापन भैरव भक्त मण्डल के सदस्य तथा आए हुए श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य चम्पालाल महाराज की महाआरती के साथ हुआ। इस शुभ अवसर पर पंजाब से आए हुए श्रद्धालुओं ने बाबा भैरव व मां कालिका के श्री चरणों में अपने आराध्य गुरूदेव चम्पालाल महाराज का गुरू पूजन कर, पंजाबी पगड़ी पहनाकर व कृपाण अर्पित की। धाम पर गुरूपूर्णिमा महोत्सव में आए हुए सभी श्रद्धालुओं के लिए श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ चेरिटेबिल ट्रस्ट द्वारा भण्डारा किया गया।