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ज्ञानवापी मस्जिद के अतिक्रमण से मुक्त होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा : रमेश शिंदे - Sabguru News
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ज्ञानवापी मस्जिद के अतिक्रमण से मुक्त होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा : रमेश शिंदे

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ज्ञानवापी मस्जिद के अतिक्रमण से मुक्त होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा : रमेश शिंदे

कोल्हापुर। हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हाल ही में ज्ञानवापी मस्जिद पर जो विचार प्रकट किए थे यह उनका निजी विचार था, लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद के अतिक्रमण से मुक्त होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

शिंदे ने यहां एक विज्ञप्ति में कहा कि वह मोहन को बहुत सम्मान देते हैं, लेकिन हमें लगता है कि इस मुद्दे पर यह उनका निजी विचार था। अनादि काल से काशी (वाराणसी) को मोक्षनगरी माना जाता रहा है। हिंदू शास्त्रों में भी इसका वर्णन किया गया है। इसके बिना हिन्दू चरित्र अधूरा है। इस पवित्र भूमि पर क्रूर और बर्बर औरंगजेब की बर्बर हरकतों को देखते हुए, अब हिंदू मंदिरों को मुक्त करना अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि हिंदुओं का मानना ​​​​है कि ज्ञानवापी परिसर के भीतर अपने अविमुक्तेश्वर को मुक्त करना उनका प्राथमिक कर्तव्य है, और समिति भी ऐसा मानती है। हिंदू समाज ने बड़े संयम और धैर्य के साथ अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि वापस पा ली है। ज्ञानवापी को मुक्त कराने के न्यायिक उपाय चल रहे हैं, इस आधार पर ज्ञानवापी के अतिक्रमण मुक्त होने तक संघर्ष जारी रहेगा।

शिंदे ने कहा कि कई विषयों पर नेताओं और संगठनों की अलग-अलग राय हो सकती है। विचारों के अंतर का सम्मान करना हमारी संस्कृति है। इसलिए, इस तरह के मतभेदों को तर्क या गुट के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी संगठन के सदस्यों के बीच मतभेद हो सकते हैं, जैसे 100 करोड़ हिंदुओं के बीच मतभेद हो सकते हैं।

ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में सभी तथ्य अदालत में है, जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि ज्ञानवापी वास्तव में एक हिंदू मंदिर था। न केवल प्राचीन काल में, बल्कि हाल ही में अफगानिस्तान में ‘बामियान बुद्ध’ और तुर्की के ‘हागिया सोफिया चर्च’ के विनाश में मुसलमानों की क्रूरता और बर्बर मानसिकता देखी जा सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए,इसकी बहुत कम संभावना है कि मुसलमान सद्भाव और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने के लिए हिंदू मंदिर की भूमि हिंदुओं को सौंपेंगे।

मोहन भागवत ने अपने बयान में कहा था कि हमें हर मस्जिद में ‘शिवलिंग’ खोजने से बचना चाहिए, जबकि सबको न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए और नए मुद्दे को खोदने से बचना चाहिए।