अजमेर। राजस्थान के अजमेर में मोहर्रम पर शुक्रवार को हजरत इमाम हुसैन की याद में बड़ा हाईदौस खेलकर करबला का खूनी मंजर पेश किया तथा डोले शरीफ की सवारी निकाली गई।
पंचायत अंदरकोटियान के सदस्यों द्वारा बड़ा हाईदौस खेलकर करबला का खूनी मंजर पेश किया गया। इस दौरान करीब आधे दर्जन से ज्यादा युवक घायल हो गए जिन्हें मौके पर ही मौजूद चिकित्सा टीम ने उपचार उपलब्ध कराया।
मुस्लिम युवाओं ने हुसैनी नारों से क्षेत्र को गुंजाएमान बनाए रखा। यह क्रम करीब करीब पूरी रात चलेगा और तड़के सुबह चार बजे दरगाह स्थित पवित्र झालरे पर सैराब किया जाएगा।
हाईदौस खेलने की परंपरा हिन्दुस्तान में केवल अजमेर में परंपरागत तरीके से निभाई जाती है जिसके लिए जिला प्रशासन की ओर से सौ नंगी तलवारें मालखाने से जारी की जाती है। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के चाकचौबंद प्रबंध किए।
आज दोपहर चांद की दस तारीख के मौके पर पड़े मोहर्रम के दौरान दूसरे जुम्मे पर दरगाह शरीफ में हजारों हजार अकीदतमंदों ने जुम्मे की नमाज अदा की और उसके बाद ढोला शरीफ की सवारी शुरू हुई।
योमे आशूरा के अहम दिन दौरान-ए-मोहर्रम दरगाह के निजाम गेट से जुम्मे की नमाज के बाद डोले शरीफ की सवारी निकाली गई। दरगाह का संपूर्ण क्षेत्र खादिम समुदाय द्वारा हरे लिबास में नजर आया।
उधर, तारागढ़ की पहाड़ी स्थित हजरत मीरा साहब की दरगाह के पास शिया समुदाय ने नंगे बदन मातम मनाकर खूनी मंजर पेश किया।