Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
HAL employee meets Rahul gandhi raises issue of denial Rafale order-राहुल गांधी से मिले एचएएल कर्मचारी, राफेल ऑर्डर का मुद्दा उठाया - Sabguru News
होम Delhi राहुल गांधी से मिले एचएएल कर्मचारी, राफेल ऑर्डर का मुद्दा उठाया

राहुल गांधी से मिले एचएएल कर्मचारी, राफेल ऑर्डर का मुद्दा उठाया

0
राहुल गांधी से मिले एचएएल कर्मचारी, राफेल ऑर्डर का मुद्दा उठाया
HAL employee meets Rahul gandhi raises issue of denial Rafale order
HAL employee meets Rahul gandhi raises issue of denial Rafale order
HAL employee meets Rahul gandhi raises issue of denial Rafale order

नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र के लिए विमान बनाने वाली सार्वजनिक कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के कर्मचारियों के एक संगठन ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और सरकार पर राफेल सौदे में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण से कंपनी को वंचित रखने का आरोप लगाया।

एचएएल वेलफेयर फोरम के प्रतिनिधियों तथा कुछ सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने गांधी से मुलाकात कर उन्हें एचएएल की स्थिति से अवगत कराया। कंपनी इस समय नकदी संकट से गुजर रही है और उसे कर्मचारियों को वेतन देने के लिए करीब एक हजार करोड़ रुपए का ऋण लेना पड़ा है।

कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बाद कर्मचारियों ने संवाददाताओं को बताया कि एचएएल और राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दासो एविएशन ने वर्कशेयर समझौता किया था और भारतीय कंपनी राफेल विमानों पर गारंटी देने के लिए तैयार थी। उन्होंने सरकार को 36,000 करोड़ रुपए के इस वर्कशेयर समझौते के दस्तावेज सार्वजनिक करने की सरकार को चुनौती दी।

एचएएल इम्प्लॉइज यूनियनों के पूर्व मुख्य संयोजक एस रेणुका ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के संसद में दिए इस बयान को गलत बताया कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में एचएएल को सैन्य बलों से एक लाख करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी को मात्र 26,570 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले हैं जबकि 73,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर के लिए सिर्फ प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2018 को एचएएल के पास 61,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर थे। उसने अप्रैल 2014 से मार्च 2018 तक 67,000 करोड़ रुपये के ऑर्डरों की डिलिवरी की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एचएएल को बंद करने की सोची-समझी साजिश है। सैन्य बलों को सौंपे गये विमानों और हेलिकॉप्टरों के मद में सरकार के पास उसका 14,000 करोड़ रुपये बकाया है।