जयपुर | राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में जल संचय के लिए अनूठी पहल करते हुए हाफ गिलास वाटर अभियान की शुरुआत की गई है।
जिला कलेक्टर भीलवाड़ा राजेन्द्र भट्ट ने जिले में जब आपको आधे गिलास पानी की प्यास हो तो आप पूरा गिलास पानी क्यों मंगाए, और जितना पीएं उतना व्यर्थ क्यों बहाएं, जल संचय के इस अनूठे विचार को लेकर हाफ गिलास वाटर अभियान को प्रारंभ किया।
उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय एवं तथा ग्राम पंचायत स्थित सरकारी, अर्द्ध सरकारी संस्थानों, शिक्षण संस्थानों तथा पंचायती राज विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने अधीनस्थ कार्यालयों में आगन्तुकों के लिये उन्हें पूछ कर ही पानी सर्व करे तथा पहली बार में आधा गिलास पानी ही प्रस्तुत करें। इस पहल को शुरू करते हुए जिला कलक्टर ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों से अपने अधीन कार्यालयों के कार्मिकों को आदेश जारी कर, अभियान की प्रभावी क्रियान्विति के निर्देश भी दिये है।
उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा में कुछ समय पहले तक पानी की रेल द्वारा आपूर्ति होती थी, इसलिए शहर के लोग पानी की कीमत को समझते है। अब चंबल से पेयजल आपूर्ति शुरू हो जाने पर अपने आधे भरे मटकों के पानी को व्यर्थ न फेंके बल्कि उसका सदुपयोग करें। आरओ से निकलने वाले पानी का भी कही न कहीं उपयोग करें तभी हम पेयजल की इस गंभीर चुनौति से निपटने में कामयाब हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसे प्रदेश में जल संचय की पंरपरा रही है। हम अच्छी आदत की शुरुआत करें तथा उसे आगे की पीढी तक पहुॅचाएं ताकि धरती पर रहने वाली आगामी पीढी तक पानी उपलब्ध रह सके। उन्होंने कहा कि आपको कहीं भी आधा गिलास पानी प्रस्तुत करने पर आप नाराज न हों, आप जितना चाहे पानी पीए पर पानी को बर्बाद न करें। ऐसा न हो कि आधा गिलास पानी पीकर आधा गिलास व्यर्थ न गंवाये। यदि आधा-आधा गिलास पानी व्यर्थ होगा तो बड़ा नुकसान होगा। आपको जितनी जरुरत हो उतना ही पानी लें।
उन्होंने कहा कि आधा गिलास पानी अभियान को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लोगों में जागरुकता फैलाएं, ताकि आमजन को पता चले और पानी की बचत होने पर हम जल संकट की गंभीर चुनौती से निपट सकेंगे। भट्ट ने कहा कि यह अभियान आमजन के लिये प्रारंभ किया गया है इसलिए सबकी जिम्मेदारी है कि जनकल्याण के इस अभियान में अपनी ओर से आगे आकर सहयोग करें।