नई दिल्ली। देश में बिक रहे 47 प्रतिशत एलईडी बल्ब और 52 प्रतिशत डाउनलाइटर ग्राहकों की सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं।
बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी नील्सन द्वारा जारी एक सर्वेक्षण रिपार्ट में यह खुलासा किया गया है। कंपनी द्वारा देश के आठ प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, दुर्गापुर, बरेली, अहमदाबाद और हैदराबाद– में 400 खुदरों दुकानों पर किए गए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय ने इन उत्पादों के लिए सुरक्षा मानक निर्धारित किए हुए हैं और उसका पालन करने वाले उत्पादों की ही बिक्री करने की अनुमति है। लेकिन, बाजार में कम गुणवत्ता वाले उत्पाद भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं।
एलईडी बल्ब की श्रेणी में हैदराबाद में 57 प्रतिशत उत्पाद बीआईएस मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए जबकि अहमदाबाद में यह स्तर 60 प्रतिशत है। एलईडी डाउनलाइटर श्रेणी में बरेली में 78 प्रतिशत उत्पाद कम गुणवत्ता के पाए गए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिक रहे 52 प्रतिशत एलईडी बल्व सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं हैं। डाउनलाइटरों के मामले में यह 58 प्रतिशत है। इनमें से कुछ उत्पाद तो बीआईएस प्रमाणित भी नहीं हैं।
इलेक्ट्रिक लैंप एंड कंपोनेंट मैन्युफेक्चर्स एसोसिएशन के अनुसार भारत में एलईडी का कुल बाजार 11,400 करोड़ रुपए का है, जिनमें एलईडी बल्ब और डाउनलाइटर कुल एलईडी बाजार के 72 प्रतिशत हैं और घरों, दफ्तरों तथा कार्यक्षेत्रों में इनका काफी इस्तेमाल किया जाता है।
संगठन का कहना है कि बीआईएस और सरकार द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करने वाले निर्माता अनिवार्य सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रहे हैं जिससे उनके उत्पाद न सिर्फ असुरक्षित हैं, बल्कि ऊर्जा की कम बचत भी करते हैं। यह ऊर्जा किफायती उत्पादों को बढ़ावा देने के सरकारी लक्ष्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और एलईडी उद्योग की छवि भी प्रभावित कर रहा है।