हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में मंगलवार को दलित उत्पीड़न मामलों की विशेष अदालत ने हत्या के 28 साल पुराने मामले में 17 आरोपियों को दोषी क़रार देते हुए उम्रक़ैद और अर्थदंड की सज़ा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार विशेष न्यायाधीश (एससीएसटी) मोहम्मद असलम ने दोहरे हत्याकांड मामले में फैसला सुनाते हुये 17 लोगों को आजीवन कारावास व 30-30 हजार रुपए जुर्माना लगाया है।
इस मामले में कुरारा क्षेत्र के चकोठी गांव में सन 1994 में पुरानी रंजिश के चलते 25 लोगों ने घेरकर अवैध असलहो से गांव के जसवंत व मोतीलाल की हत्या कर दी थी। इसमें सभी 25 नामज़द के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हुई थी।
मामले की सुनवाई के दौरान पांच लोगों की मौत हो गई। जबकि तीन अन्य अभी तक फरार हैं। मृतक जसबंत के भाई रमेशचन्द्र ने ओमप्रकाश, अर्जुन सिंह और भरत सहित अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
रमेशचंद्र ने बताया कि उसके भाई को घेरकर घर के दरवाजे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोपियों ने गांव के ही मोतीलाल को घेर लिया था। जो जान बचा कर रिठारी की तरफ भागा था। जहां फूला के घर में हत्यारोपियों ने उसे भी घेर कर मार दिया था।
अधिवक्ता, विशेष लोक अभियोजन विजय सिंह ने बताया की इस मामले की सुनवाई 28 साल तक अदालत में चली। दोनो पक्षों की सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने वीर सिंह और जाहर सिंह सहित 17 हत्यारोपियों को दोषी ठहराते हुए सभी को आजीवन कारावास और 30-30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।