भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा में डांग के हनुमान मंदिर के महन्त सरजूदास न्यायालय ने आज दो जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस बीच विश्व हिन्दू परिषद ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
जांच अधिकारी पुलिस उप अधीक्षक सुरेंद्र कुमार कुमावत ने बताया कि घोड़ास गांव के प्रसिद्ध डांग के हनुमान मंदिर के महंत सरजूदास को पुलिस ने बुधवार सुबह नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया।
शीतकालीन अवकाश के चलते गंगापुर न्यायालय को दी गई न्यायिक प्रकरण निस्तारण की विशेष जिम्मेदारी के चलते आरोपी महंत सरजू दास को गंगापुर न्यायालय में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया।
सरजू दास के वकील ने गंगापुर न्यायाधीश के समक्ष पुलिस के पास साक्ष्य नहीं होने पर जमानत देने की अर्जी लगाई थी। गंगापुर न्यायिक मजिस्ट्रेट रविंद्र यादव ने 2 जनवरी तक महंत को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए। न्यायालय में कड़ी सुरक्षा की गई और पुलिस के आला अधिकारी भी न्यायालय परिसर में डेरा डाले रहे।
विश्व हिन्दू परिषद ने की निष्पक्ष जांच की मांग
भीलवाड़ा विश्व हिंदू परिषद ने घोड़ास हनुमान मंदिर के सरजू दास महाराज को झूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए प्रशासन को आगाह किया है और इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह धर्माचार्य प्रमुख बालमुकुंद शर्मा के नेतृत्व में आज कलक्टर को एक ज्ञापन दिया गया जिसमें कहा गया है कि घोड़ा हनुमान जी मंदिर के संत सरजू दास महाराज को झूठा फंसाया जा रहा है।
उनका कहना था कि पहले उन्हें तेजाब प्रकरण में फंसाने का प्रयास किया लेकिन जब कोई साक्ष्य नहीं मिला तो उन पर बलात्कार का आरोप लगा दिया ज्ञापन में आरोप लगाने वालों का नारको टेस्ट कराने की भी मांग की गई है।
इस मामले को लेकर शुक्रवार को मेवाड़ मंडल की बैठक बुलाई गई है। अगर प्रशासन ने समय रहते इस मामले को नहीं मिटाया तो फिर मामला संतों के हाथ में चला जाएगा और संत जब जन आंदोलन करेंगे तो मामला हाथ से निकल जाएगा।