मुंबई | बॉलीवुड के छोटे नवाब सैफ अली खान आज 49 वर्ष के हो गये । सैफ अली खान को एक ऐसे बहुआयामी अभिनेता के तौर पर शुमार किया जाता है जो पिछले दो दशकों से नायक .सहनायक. और खलनायक के किरदार के जरिये सिने प्रेमियो को अपना दीवाना बनाये हुए है।
सोलह अगस्त 1970 को दिल्ली में जन्में सैफ अली खान को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनकी मां शर्मिला टैगोर फिल्म इंडस्ट्री की जानी मानी अभिनेत्री रही जबकि पिता नवाब पटौदी क्रिकेटर रहे हैं। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण उनका भी रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे । सैफ अली खान ने अपनी शिक्षा अमेरिका के मशहूर वेनचेस्टर कॉलेज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने बतौर अभिनेता अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म .परपंरा .. से की । यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी यह फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी।
वर्ष 1993 में सैफ अली खान की पहचान और आशिक आवारा जैसी सफल फिल्में प्रदर्शित हुयी। हालांकि फिल्म पहचान की सफलता का श्रेय अभिनेता सुनील शेट्टी को अधिक दिया गया । फिल्म आशिक आवारा में निभाये गये चरित्र के लिए सैफ नवोदित अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये। सैफ अली खान के सिने कैरियर में वर्ष 1994 अहम साबित हुआ। इसी वर्ष उनकी ये दिल्लगी और मै खिलाड़ी तू अनाड़ी जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी।
दोनो फिल्मों में उनकी जोड़ी अभिनेता अक्षय कुमार के साथ काफी सराही गयी । खास तौर पर फिल्म मै खिलाडी तू अनाड़ी में अक्षय कुमार और सैफ अली खान ने अपनी जोड़ी के जरिये दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इस फिल्म में उन पर फिल्माया यह गीत ..मै खिलाड़ी तू अनाड़ी ..दर्शको के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था।
वर्ष 1995 से 1998 तक का वक्त सैफ अली खान के सिने कैरियर के लिये बुरा साबित हुआ। इस दौरान उनकी यार गद्दार .आओ प्यार करे दिल तेरा दीवाना .बंबई का बाबू .एक था राजा .तू चोर मै सिपाही.हमेशा .उड़ान .कीमत जैसी कई फिल्में बॉक्स आफिस पर असफल हो गयी। इम्तिहान और सुरक्षा जैसी फिल्मो ने टिकट खिड़की पर औसत व्यापार किया लेकिन इनसे सैफ अली को कुछ खास फायदा नही मिला।
वर्ष 1999 सैफ अली खान के सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ । इस वर्ष उनकी कच्चे धागे .हम साथ साथ है जैसी सफल फिल्में प्रदर्शित हुयी। इन फिल्मों में सैफ अली खान के अभिनय के विविध रूप देखने को मिले । फिल्म कच्चे धागे में जहां सैफ अली खान ने संजीदा अभिनय किया वही हम साथ साथ है में उन्होंने अपने चुलबुले अंदाज से दर्शको का दिल जीत लिया ।
वर्ष 2001 में प्रदर्शित फिल्म ..दिल चाहता है ..सैफ अली खान के सिने करियर की अहम फिल्मों में एक है । फरहान अख्तार के निर्देशन में तीन दोस्तों की जिंदगी पर बनी इस फिल्म में उनके साथ आमिर खान और अक्षय खन्ना जैसे मंझे हुये सितारे थे लेकिन सैफ ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों के साथ ही समीक्षकों का भी दिल जीतने में सफल रहे । वर्ष 2003 में प्रदर्शित फिल्म ..कल हो ना हो ..सैफ अली खान के सिने करियर की सुपरहिट फिल्म में शुमार की जाती है । यश जौहर के बैनर तले बनी इस फिल्म में उनके सामने शाहरूख खान थे बावजूद इसके सैफ अली खान दर्शको का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे । फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये ।
वर्ष 2004 में प्रदर्शित फिल्म ..हम तुम ..सैफ अली खान के सिने करियर की सर्वाधिक महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी । अपने दमदार अभिनय के लिये सैफ जहां सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये . वही उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुआ । वर्ष 2006 में सैफ अली खान के सिने कैरियर की एक और सुपरहिट फिल्म ..ओमकारा ..प्रदर्शित हुयी । इस फिल्म में सैफ अली खान ने लंगड़ा त्यागी का किरदार निभाया। यूं तो यह किरदार ग्रे शेडस लिये हुये था लेकिन बावजूद इसके वह दर्शको की सहानुभूति प्राप्त करने में सफल रहे । फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये ।
वर्ष 2009 में सैफ अली खान ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और ..लव आज और कल ..का निर्माण किया। सैफ अली खान ने अपने अब तक के सिने करियर के दौरान 65 से अधिक फिल्मों में काम किया है। उनके करियर की अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में रेस ,कुर्बान ,आरक्षण ,कॉकटेल ,रेस 2,बुलेट राजा ,फैंटम और रंगून प्रमुख है। सैफ इन दिनों जवानी जानेमन और तानाजी : द अनसंग वारियर जैसी फिल्मों में काम कर रहे हैं।