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हैप्पी बर्थडे : बिंदास अभिनय से करिश्मा कपूर ने बनाई पहचान - Sabguru News
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हैप्पी बर्थडे : बिंदास अभिनय से करिश्मा कपूर ने बनाई पहचान

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हैप्पी बर्थडे : बिंदास अभिनय से करिश्मा कपूर ने बनाई पहचान

मुंबई। बॉलीवुड में करिश्मा कपूर को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने अभिनेत्रियों को फिल्मों में परंपरागत रूप से पेश किये जाने के तरीके को बदलकर अपने बिंदास अभिनय से दर्शकों के बीच अपनी खास पहचान बनाई।

25 जून 1974 को मुंबई में जन्मी करिश्मा कपूर को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता रणधीर कपूर अभिनेता जबकि मां बबीता जानी मानी फिल्म अभिनेत्री थीं। करिश्मा ने बतौर अभिनेत्री अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1991 में प्रदर्शित फिल्म प्रेम कैदी से की। युवा प्रेम कथा पर बनी इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका हरीश ने निभाई। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई साथ ही करिश्मा कपूर के अभिनय को भी सराहा गया।

फिल्म प्रेम कैदी की सफलता के बाद करिश्मा कपूर ने पुलिस ऑफिसर, जिगर, अनाड़ी, अंदाज अपना अपना, दुलारा जैसी सुपरहिट फिल्मों में अभिनय किया। इन फिल्मों को दर्शकों ने पसंद तो किया लेकिन कामयाबी का श्रेय बजाये उनके फिल्म अभिनेताओं को अधिक दिया गया।

करिश्मा कपूर की किस्मत का सितारा वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म राजा हिंदुस्तानी से चमका। इस फिल्म में उनके नायक के रूप में आमिर खान थे। बेहतरीन गीत संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने न करिश्मा कपूर को स्टार के रूप में स्थापित कर दिया।

वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म दिल तो पागल है करिश्मा कपूर के सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उनका मुकाबला माधुरी दीक्षित से था बावजूद इसके अपने सधे हुए अभिनय से वह दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही।

नब्बे के दशक में करिश्मा कपूर पर यह आरोप लगने लगे कि वह केवल ग्लैमरस किरदार ही निभाने में सक्षम है। इस छवि से बाहर निकालने में निर्माता निर्देशक श्याम बेनेगल ने उनकी मदद की और उन्हें लेकर फिल्म जुबैदा का निर्माण किया। इस फिल्म में उन्होंने जुबैदा की टाइटिल भूमिका निभाई। फिल्म अभिनेत्री रेखा की मौजूदगी के बावजूद करिश्मा कपूर ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रही। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह फिल्म फेयर के समीक्षक पुरस्कार से सम्मानित की गई।

करिश्मा कपूर ने दर्शको की पसंद को देखते हुए छोटे पर्दे का भी रूख किया और करिश्मा सीरियल से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। वर्ष 2003 में बिजनेसमैन संजय कपूर से शादी करने के बाद करिश्मा ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया लेकिन बाद में फिल्म निर्माता सुनील दर्शन के जोर देने पर करिश्मा कपूर ने फिल्म मेरे जीवन साथी के जरिये फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर से वापसी की। फिल्म में अपने एंटी किरदार से करिश्मा कपूर ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

करिश्मा कपूर के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेता गोविन्दा के साथ काफी पसंद की गई। उनकी जोड़ी सबसे पहले वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म मुकाबला में एक साथ पसंद की गई। बाद में उनकी जोड़ी को फिल्मकारों ने अपनी फिल्मों में रिपीट किया। इन फिल्मों में राजा बाबू, दुलारा, खुद्दार, कुली नंबर वन, साजन चले ससुराल, हीरो नंबर वन, हसीना मान जाएगी, शिकारी जैसी फिल्में शामिल है।

करिश्मा कपूर को उनके सिने करियर में तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म राजा हिंदुस्तानी के लिए सर्वप्रथम उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। इसके बाद वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म दिल तो पागल है के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्म फेयर और राष्ट्रीय पुरस्कार, वर्ष 2000 में फिल्म फिजा के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया।

वर्ष 2012 में प्रदर्शित पिल्म डेंजरस इश्क से करिश्मा कपूर ने एक बार फिर से इंडस्ट्री मे एक बार फिर से वापसी की लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म सफल नहीं रही। करिश्मा कपूर ने अपने दो दशक लंबे सिने करियर में लगभग 60 फिल्मों में काम किया है। करिश्मा कपूर इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय नहीं है।