स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव आज अपना 32वां जन्मदिन मना रहे है। उमेश यादव का जीवन काफी संघर्षो भरा रहा है। उन्हें भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। 25 अक्टूबर 1987 को उत्तर प्रदेश के देवरिया में जन्मे उमेश पुलिस वाला बनना चाहते थे। लेकिन बाद में उन्होंने क्रिकेट में करियर बनाना सही समझा।
उमेश के पिता नागपुर के निकट खापरखेड़ा की वेस्टर्न कोल लिमिटेड के कोयला खदान में काम करते थे और कोल लिमिटेड की ही कॉलोनी में रहते थे। ऐसे में उमेश की रवरिश भी यहीं हुई। उनके पिता के 2 बेटी और 2 बेटे है। उमेश के पिता घर का खर्च भी बड़ी मुश्किल से उठाते थे। उमेश कॉलेज में पढ़ना चाहते थे लेकिन पिता की आर्थिक स्तिथि की वजह से यह नहीं हो पाया।
ऐसे में उमेश यादव ने क्रिकेट पर ध्यान देना शुरू कर दिया। उन्होंने 20 वर्ष की उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आगाज किया था तो उन्हें लाल रंग की एसजी टेस्ट गेंद से खेलने का अंदाजा नहीं था, लेकिन भारत के इस प्रमुख तेज गेंदबाज ने कहा कि वह शुरू से ही जानते थे कि अपनी रफ्तार हासिल करने की क्षमता से उच्च स्तर पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
इसके बाद वह घरेलू क्रिकेट में विदर्भ की तरफ से खेलने लगे। विदर्भ की टीम में शामिल होने के बाद उमेश यादव ने पहली बार लेदर की गेंद से गेंदबाजी की। इससे पहले वह टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे। उनकी किस्मत का पिटारा साल 2008 में खुला। जब आईपीएल टीम दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन्हें 18 लाख रुपए में खरीदा।2010 में उन्होंने वनडे और 2011 में टेस्ट डेब्यू किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज वह भारत के सबसे अहम गेंदबाजों में से है।