नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान अपने-अपने यहां एक दूसरे के राजनयिकों के साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे का 1992 के द्विपक्षीय आचार संहिता के अनुरूप हल करने पर सहमत हो गए हैं।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि दोनों देशों ने 1992 की भारत-पाकिस्तान राजनयिक व्यवहार संबंधी आचार संहिता के अनुरूप राजनयिकों एवम दूतावास संबंधी मुद्दों का समाधान निकालने पर सहमति जताई है।
भारत और पाकिस्तान पिछले कुछ दिनों से एक दूसरे पर अपने राजनियकों को परेशान किए जाने और उन्हें धमकाये जाने का आरोप लगा रहे थे।
भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि वे इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में उसके राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उसने इस संदर्भ में अपने राजनयिकों के साथ दुर्व्यवहार की कुछ घटनाओं का ब्यौरा भी दिया था।
बाद में पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि भारत में उसके राजनयिकों को परेशान किया जा रहा है। उसने इस संबंध में विचार विमर्श के लिए अपने उच्चायुक्त को इस माह इस्लामाबाद भी बुलाया था।
आचार संहिता में दोनों देशों के राजनयिक और वाणिज्यिक दूतों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उचित सम्मान देने के संबंध में प्रावधान किए गए हैं।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने भी इसी तरह का एक बयान जारी कर कहा कि यह संहिता दोनों देशों के राजनयिक और वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप सुगम एवं निर्बाध कामकाज मुहैया करने के लिए है।
संहिता में यह भी कहा गया है कि दोनों देशों को मौखिक एवं शारीरिक प्रताड़ना, फोन लाइन काटे जाने आदि जैसे हस्तक्षेपकारी और आक्रामक निगरानी एवं कार्यों का सहारा नहीं लेना चाहिए।