नयी दिल्ली । भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने टीवी शो पर एक महिला के खिलाफ अशोभनीय और अपमानजनक टिप्पणी के लिये चौतरफा हो रही आलोचना के बाद बुधवार को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी।
वहीं रिपोर्टों के अनुसार इस मामले को गंभीरता से लेते हुये प्रशासकों की समिति (सीओए) ने शो का हिस्सा बने पांड्या और लोकेश राहुल को कारण बताओ नोटिस भेजा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) का संचालन कर रही सीओए ने पांड्या और राहुल को 24 घंटे के भीतर महिलाओं पर इस तरह की टिप्प्णी करने के लिये जवाब मांगा है।
ट्विटर पर पांड्या ने माना कि वह भावनाओं में कुछ ज्यादा ही बह गये थे क्योंकि यह शो ही ऐसा था, लेकिन वह किसी को भी दुख नहीं पहुंचाना चाहते थे। ऑलराउंडर ने ट्विटर पेज पर लिखा,“कॉफी विद करण शो पर मैंने जो भी टिप्पणियां कीं उसके लिये मैं सभी संबंधित लोगों से माफी मांगना चाहता हूं, जिन्हें मैंने दुख पहुंचाया। सच कहूं तो मैं शो पर कुछ अधिक ही भावनाओं में बह गया।”
पांड्या ने लिखा,“ मेरा मकसद किसी को भी अपमानित करना और किसी की भावनाओं काे दुख पहुंचाना नहीं था। सम्मान।” लोकप्रिय टॉक शो ‘कॉफी विद करण’ पर भारतीय टीम के ऑलराउंडर पांड्या और राहुल पेश हुये थे, लेकिन शो पर पांड्या ने सार्वजनिक रूप से एक महिला के साथ शारीरिक संबंधों की बात को अशोभनीय तरह से बताया। इसके बाद सोशल नेटवर्क पर उनके इस बयान की कड़ी आलोचना की गयी।
पांड्या से जब शो के एंकर करण जोहर ने क्लब में जाने पर महिलाओं के बारे में पूछा तो भारतीय क्रिकेटर ने बहुत ही शान से बताया कि वह महिलाओं को देखते हैं कि वह क्या करती हैं।”
ऑलराउंडर ने साथ ही मजाकिया लहज़े में यह भी बताया कि वह अपने माता-पिता के सामने खुलकर अपनी शारीरिक गतिविधियों की चर्चा करते हैं और किसी महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद परिजनों को कहते हैं, आज मैं कर आया।” इस एपिसोड के टीवी पर प्रसारित होने के तुरंत बाद से ट्विटर पर पांड्या को चौतरफा आलोचना झेलनी पड़ी जिनमें मुख्य रूप से महिलाओं ने उनके बयान को अशोभनीय, अपमानजनक और लैंगिकवादी बताया।
इस बीच भारतीय क्रिकेटरों की मुश्किलें सीओए ने भी बढ़ा दी हैं और उनसे इस तरह की अभद्र टिप्पणियों के लिये जवाब मांगा है। सीओए ने पांड्या के माफी मांगने के कुछ घंटों बाद यह नोटिस भेजा है। गौरतलब है कि हाल ही में ‘मी टू मूवमेंट’ के दौरान बीसीसीआई के कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी के खिलाफ भी एक अज्ञात महिला ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को प्रशासकों की समिति ने गंभीरता से लेते हुये उनके खिलाफ जांच बैठाई थी। सीओए की महिला सदस्य डायना इडुलजी इन मामलों में काफी सख्त मानी जाती हैं।