अहमदाबाद। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल का गत 25 अगस्त से शुरू हुआ अनशन शुक्रवार को 14वें दिन भी जारी रहा हालांकि तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
पास के प्रवक्ता मनोज पनारा ने बताया कि हार्दिक की तबीयत बिगड़ने तथा सांस लेने में तकलीफ के चलते सोला सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने हालांकि कहा कि अभी उनका अनशन समाप्त नहीं हुआ है।
पूर्व में उनके कार्यक्रमों के बाद हिंसा के चलते सरकार से बाहर अनशन की अनुमति नहीं मिलने पर हार्दिक ने गत 25 अगस्त से यहां ग्रीनवुड रिसार्ट स्थित अपने आवास पर ही अनशन शुरू कर दिया था। सरकार की ओर से बातचीत की पहल नहीं होने से नाराज होकर कल शाम से पानी पीना भी बंद कर दिया था।
उन्हें मनाने तथा अनशन समाप्त करने का प्रयास करने के लिए पाटीदारों की लेवुआ उपजाति (हार्दिक स्वयं कड़वा उपजाति के हैं) की शीर्ष धार्मिक संस्था खोडलधाम ट्रस्ट के चेयरमैन नरेश पटेल ने राजकोट से यहां आकर आज उनसे मुलाकात भी की।
बाद में उन्होंने कहा कि हार्दिक ने उनसे कहा है कि उनकी तीनों मांगों, किसानों की ऋण माफी, पाटीदार अारक्षण और राजद्रोह के मामले में उनके साथी अल्पेश कथिरिया की जेल से रिहाई को लेकर खोडलधाम तथा उमिया धाम (कड़वा पाटीदारों की शीर्ष धार्मिक संस्था) सरकार से बात करे।
उनके लिए तथा पाटीदार समुदाय के लिए 14 दिन से उपवास कर रहे तथा पिछले 18 घंटे से पानी छोड़ चुके हार्दिक का स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता की चीज है। वह चाहते हैं कि वह जितनी जल्दी हो सके और संभव हो तो आज ही वह अपना उपवास समाप्त कर दें। वह एक दो दिन में सरकार से बात करने जाएंगे। वह सरकार पर इस बारे में दबाव भी बनाएंगे। सरकार की ओर से किसी प्रतिनिधि को उनसे बात करने आना चाहिए।
हार्दिक ने इससे पहले गत 30 और 31 जुलाई को पानी का त्याग किया था पर एक सितंबर से फिर से पानी पीना शुरू कर दिया था।
इस बीच, पिछले कुछ दिनों से सरकारी डाक्टरों से जांच में पूरा सहयोग नहीं करने वाले हार्दिक के कल शाम के मूत्र के नमूने में एसीटोन की मात्रा बढ़ने से उन्हें एक बार फिर जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गयी थी। उनका रक्तचाप और नब्ज आदि हालांकि सामान्य था। उन्होंने वजन कराने से आज भी इंकार कर दिया था तथा आज फिर से रक्त और मूत्र के नमूने जांच के लिए नहीं दिए थे।
ऐसा अनुमान था कि नरेश पटेल की मध्यस्थता के बाद आज उन्हें यहां सोला सिविल अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है। और ऐसा ही हुआ है। वह पिछले कुछ समय से चक्कर अाने तथा पेट दर्द की भी शिकायत कर रहे थे। डाक्टरों का कहना था कि अस्पताल में ले जाए बिना उनका उचित इलाज संभव नहीं।